वाराणसीः प्रतिकार यात्रा को लेकर महंत संतोष दास और महंत बालक दास ने बुधवार को कोर्ट में सरेंडर किया था. गुरुवार महंत संतोष दास और महंत बालक दास को जमानत गुरुवार को मिल गयी. .इस पहले शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती और उसके बाद सतुआ बाबा संतोष दास और महंत बालक दास ने कोर्ट में सरेंडर किया था, जिन्हें कोर्ट ने रिहा करने का आदेश दे दिया.
अन्याय प्रतिकार यात्रा मामले में फरार घोषित महंत बालक दास और महंत संतोष दास उर्फ सतुआ बाबा ने बुधवार को एमपी एमएलए कोर्ट में सरेंडर किया था. कोर्ट ने महंत बालक दास और महंत संतोष दास की अंतरिम जमानत अर्जी स्वीकार करते हुए उन्हें रिहा करने का आदेश दिया था. इसके साथ ही उनकी नियमित जमानत अर्जी पर सुनवाई के लिए 5 जनवरी की तिथि तय की गई थी.
गौरतलब है कि गंगा में गणेश प्रतिमा के विसर्जन पर अड़े लोगों पर लाठीचार्ज किया गया था. इसके खिलाफ स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने 5 अक्टूबर 2015 को मैदागिन के टाउनहाल से गोदौलिया तक अन्याय प्रतिकार यात्रा निकाली थी. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के आगे भी एक जत्था चल रहा था. उपद्रवियों ने पहले पुलिस बूथ फिर एक सरकारी जीप में आग लगा दी. इस आग ने एक तांगा स्टैंड को भी अपनी चपेट में ले लिया था. इसमें एक मजिस्ट्रेट की जीप, फायर ब्रिगेड की गाड़ी व पुलिस की वैन और लगभग 24 बाइक आग के हवाले कर दी गईं थी.
इस दौरान पथराव भी हुए थे. जिनमें तत्कालीन एडीएम, सिगरा थानाध्यक्ष, पीएसी का एक जवान और एक न्यूज चैनल का फोटोग्राफर बुरी तरह घायल हो गया. उपद्रवियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने पहले लाठियां पटकीं. इसके बाद आंसू गैस और रबड़ बुलेट का इस्तेमाल किया. इस दौरान हवाई फायरिंग भी की गई. इस घटना में दशाश्वमेध थाने में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती, सतुआ बाबा आश्रम के महंत संतोष दास, पातालपुरी मठ के पीठाधीश्वर महंत बालक दास, पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता अजय राय, मंडुवाडीह थाने के हिस्ट्रीशीटर पंकज सिंह उर्फ डब्ल्यू राय, अरुण पाठक, अजय चौबे, अमरनाथ यादव उर्फ डब्बल और असित दास समेत अन्य लोगों के खिलाफ पुलिस की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया था.
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