वाराणसी:ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में कई दिनों की बहस के बाद आखिरकार आज कोर्ट ने लंबा गैप दे दिया है. अब इस प्रकरण की सुनवाई 4 जुलाई को आगे बढ़ाई जाएगी. पोषणीयता (Maintanable) के मुद्दे पर जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विशेष की अदालत में रूल 7 /11 के मामले में सुनवाई जारी रहेगी. मुस्लिम पक्ष हिंदू पक्ष की तरफ से दाखिल की गई याचिका के 52 पैरा में से 36 पैरा पर बहस पूरी कर चुका है. शेष बचे पैरा पर अब 4 जुलाई को बहस आगे बढ़ाई जाएगी. वहीं एक अन्य मामले यानी विश्व वैदिक सनातन संघ की तरफ से दायर की गई ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग के पूजा के अधिकार परिसर में मुस्लिम बंधुओं के प्रवेश पर रोक और ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को सौंपे जाने की याचिका पर सुनवाई पूरी करने के बाद जज ने इस मामले में फैसले के लिए 8 जुलाई की तिथि मुकर्रर की है.
वादी पक्ष की महिलाओं को मेमोरी कार्ड में वीडियो उपलब्ध करवा दिया गया है, लेकिन दाखिल किए गए शपथ पत्र के मुताबिक वह वीडियो उन महिलाओं के अतिरिक्त किसी के पास नहीं जाना चाहिए. मुस्लिम पक्ष ने वर्ष 1937 के दीन मोहम्मद बनाम राज्य सचिव के मुकदमे का निर्णय पढ़ा. उन्होंने कहा कि अदालत ने मौखिक गवाही और दस्तावेजों के आधार पर फैसला किया था कि यह पूरा परिसर (ज्ञानवापी मस्जिद परिसर) मुस्लिम वक्फ का है और मुसलमानों को इसमें नमाज अदा करने का अधिकार है. एडवोकेट अभय नाथ यादव ने कहा कि वादी पक्ष द्वारा किया गया दावा कि मस्जिद परिसर वक्फ संपत्ति नहीं है, गलत है. फिलहाल, हिंदू पक्ष द्वारा दायर वाद के पैराग्राफ प्रतिवादी पक्ष द्वारा पढ़े जा रहे हैं.
विश्व हिंदू वैदिक महासंघ की महामंत्री किरन सिंह की तरफ से दायर ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष का प्रवेश रोकने, वजूखाने में मिले शिवलिंग की नियमित पूजा के अधिकार और ज्ञानवापी परिसर हिंदू पक्ष को सौंपे जाने की याचिका पर सीनियर जज सिविल डिविजन फास्ट ट्रैक कोर्ट में दाखिल की थी. कोर्ट ने कहा कि विश्व वैदिक सनातन संघ की तरफ से दायर की गई याचिका की कॉपी प्रतिवादी पक्ष यानी मुस्लिम पक्षकार अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी को भी उपलब्ध करवाई जाए.
विश्व वैदिक हिंदू सनातन संघ प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया है. उन्होंने अंजुमन इतेजामिया पर आपराधिक मुकदमा दर्ज करने की अपील की है. कोर्ट में इंतजामिया कमेटी पर साक्ष्य के साथ छेड़छाड़ और वायलेसन का आरोप लगाया है. इससे पहले उन्होंने चौक थाने में प्रार्थना पत्र भेजा था. चौक थाने में मुकदमा न होने के बाद उन्होंने आज कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया.
अदालत के अधिकारियों ने अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री को अदालत के अंदर जाने की अनुमति दी. पक्षकारों सहित वकीलों को मिलाकर 47 लोगों को सुनवाई के लिए उपस्थित होने की अनुमति दी गई है. जिला जज को अभी अदालत कक्ष में अपनी सीट पर आसीन होना है. वहीं, हर-हर महादेव के उद्घोष के बीच हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन ने जिला न्यायाधीश के अदालत कक्ष में प्रवेश किया.