वाराणसी:महादेव की नगरी काशी अब धार्मिक, आध्यात्मिक होने के साथ-साथ आधुनिक भी हो रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना बनारस को स्मार्ट बनाने का साकार होता हुआ दिख रहा है. यही वजह है कि वाराणसी में सभी क्षेत्रों में अनेक योजनाओं का संचालन कर शहर को आधुनिक व विकसित किया जा रहा है. इसी क्रम में स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी बनारस अब हाईटेक होने जा रहा है. क्योंकि सरकार लगभग 38 योजनाओं का संचालन वाराणसी स्वास्थ्य महकमे को हाईटेक व बेहतर बनाने के लिए कर रही है.
करोड़ों की लागत से लगभग 38 योजनाओं का हो रहा संचालन
वाराणसी में अनेकों विकास की योजनाओं का संचालन किया जा रहा है. जिससे बनारस को स्मार्ट व आधुनिक बनारस बनाया जा सके. वर्तमान समय में बनारस में लगभग 170 परियोजनाएं 8 हजार 800 करोड़ की लागत से संचालित की जा रही हैं. जिनमें लगभग 38 योजनाएं स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी हुई हैं. जिनकी लागत करोड़ों रुपये है. इस बाबत मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने बताया कि बनारस स्वास्थ्य के मामले में पूर्वांचल का एक बड़ा केंद्र माना जाता है. यहां पूर्वांचल की नहीं बल्कि आसपास के अन्य शहरों के लोग इलाज कराने के लिए आते हैं. इसलिए यहां स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर कराना हमारी जिम्मेदारी है और इसी बाबत वाराणसी में मेडिकल सेक्टर में बड़ा काम किया जा रहा है, जिससे यहां के स्वास्थ्य व्यवस्था को आधुनिक और बेहतर बनाया जा सके. इसको लेकर वाराणसी के सभी सरकारी अस्पताल, पीएचसी व सीएचसी में 18 ऑक्सीजन प्लांट लगाए गए हैं. इसके साथ ही अन्य कई महत्वपूर्ण योजनाएं संचालित की जा रही हैं. जिनमें बीएचयू का नेत्र संस्थान, कैंसर अस्पताल में बना प्रतिक्षालय, सरकारी अस्पतालों में विकसित किए गए मैटरनिटी बोर्ड,सीएचसी, पीएचसी का आधुनिकीकरण, कैंसर अस्पताल,जिला महिला अस्पताल व अन्य योजनाएं शामिल है.