वाराणसी:सतयुग, द्वापर और त्रेता युग में जब असुरदल का प्रकोप अपने चरम पर पहुंच जाता था. तब त्राहिमाम त्राहिमाम करती असहाय जनता देवी-देवताओं के शरण में पहुंचकर उनसे समस्या के निवारण की विनंती करती थी. वर्तमान में भी कोरोना महामारी के भयंकर प्रकोप से लोग त्राहिमाम त्राहिमाम कर रहे है. इसी को देखते हुए काशी प्रान्त के लोगों ने सवा पांच लाख श्री हनुमान चालीसा पाठ का जप कर संकट मोचक श्री हनुमान से मानव समाज की रक्षा हेतु प्रार्थना करने का संकल्प लिया है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कुटुम्ब प्रबोधन गतिविधि, काशी प्रांत द्वारा आयोजित इस अनुष्ठान को पूरे काशी प्रान्त की जनता के साथ देश के प्रतिष्ठित लोगों का भरपूर समर्थन मिल रहा है.
काशी प्रान्त, कुटुम्ब प्रबोधन के प्रान्त संयोजक डॉ. शुकदेव त्रिपाठी ने बताया कि 18 मई मंगलवार को प्रातः 9.00 बजे से रात्रि 09.30 बजे तक चलने वाले इस अनुष्ठान से अब तक प्रान्त के सभी जिलों से 50,000 से अधिक परिवार जुड़ चुके है. उन्होंने कहा कि इस संकल्पित कार्यक्रम का काशी प्रान्त से ही नहीं पूरे उत्तर प्रदेश समेत आसपास के अन्य राज्यों से भी समर्थन मिल रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि अध्यात्म, कला, उद्योग समेत विभिन्न क्षेत्रो से जुड़ें देश के प्रतिष्ठित लोग इस अनुष्ठान को पूर्ण करने का आमजनमानस से आह्वान भी कर रहे है.
परिवार के साथ ऐसे पूर्ण करें यह अनुष्ठान
डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि विश्व के सबसे बड़े इस अनुष्ठान सम्मिलित होने वाले लोगों को सर्वप्रथम पांच बार 'श्रीराम जय राम जय जय राम' महामंत्र का जाप कर 11 बार श्री हनुमान चालीसा का पाठ करना है. इसके पश्चात् पुनः 5 बार 'श्रीराम जय राम जय जय राम' का जप कर श्री हनुमान महाराज से मानव समाज की रक्षा हेतु प्रार्थना करना है. उन्होंने बताया कि यदि परिवार में 5 सदस्य हैं तो प्रत्येक सदस्य को 11 बार यह पाठ करना है. इस प्रकार यह पाठ संख्या एक परिवार से 55 पाठ माना जाएगा.