वाराणसी:ज्ञानवापी मामले में कोर्ट में मंगलवार को 4 वाली महिलाओं की याचिका के साथ ही तीन अन्य मामलों पर भी सुनवाई हुई. जिनमें एक ज्ञानवापी प्रकरण की निगरानी याचिका पर सुनवाई टल गई. वहीं, मामले की पोषणीयता को लेकर किरण सिंह की याचिका पर दाखिल पोषणीयता प्रकरण पर कल सुनवाई होगी. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की तरफ से कथित शिवलिंग के पूजा-पाठ और राजभोग की याचिका पर भी आज सुनवाई नहीं हो सकी और कल (21 सितंबर) को इस पर सुनवाई होगी.
ज्ञानवापी प्रकरण में पोषणीयता के खिलाफ निगरानी याचिका पर बुधवार को जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में सुनवाई होनी है. अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से पिछले दिनों लोवर कोर्ट के आदेश के खिलाफ सत्र न्यायालय में निगरानी अर्जी दाखिल की थी. आरोप है की भगवान आदि विश्वेश्वर की ओर से विश्व वैदिक सनातन संघ की अतंरराष्ट्रीय महामंत्री किरन सिंह ने दाखिल पोषणीय योग्य नहीं है. लोअर कोर्ट ने निगरानीकर्ता ने कहा की उसने लोअर कोर्ट में वाद की पोषणीयता से सबंधित चुनौती वाली अर्जी सरसरी तौर से निरस्त कर दिया है, जो विधि के अनुसार सही नही है. निगरानीकर्ता की अर्जी स्वीकार करते हुए लोअर कोर्ट के आदेश निरस्त करने के आदेश देने की गुहार लगाई है.
निगरानी याचिका पर टल गई सुनवाई
वहीं, जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में मंगलवार को ज्ञानवापी प्रकरण सुनवाई के क्षेत्राधिकार के लेकर दाखिल निगरानी याचिका पर सुनवाई टल गई है. इस मामले अगली सुनवाई 10 जनवरी को होगी. इस मामले में पिछले तिथि पर कोर्ट ने शैलेन्द्र कुमार पाठक व जैनेन्द्र कुमार पाठक को पक्षकार बनाए जाने की अर्जी पर सुनवाई के लिए लंबित है. वाद मित्र और मुस्लिम पक्ष की ओर से पहले ही आपत्ति दाखिल हो चुकी है.
प्रकरण के अनुसार निगरानी कर्ता अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से जुलाई 2021 में निगरानी याचिका दाखिल की गई थी. कहा गया था कि लोअर कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद वक्फ बोर्ड की संपत्ति है. उसकी सुनवाई के अधिकार लखनऊ वक्फ बोर्ड को है, सिविल न्यायालय को नहीं. इसके बावजूद अवर न्यायालय ने उनकी याचिका खारिज करते हुए पुरातात्विक सर्वेक्षण के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई जारी रखी और प्रतिवादी के क्षेत्राधिकार के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया था. जिसके बाद अंजुमन इंतजामिया ने लोवर कोर्ट के आदेश के खिलाफ सत्र न्यायालय में निगरानी याचिका दाखिल किया था. इस मामले पिछले तिथि पर शैलेन्द्र कुमार पाठक व जैनेन्द्र कुमार पाठक ने पक्षकार बनाए जाने के लिए अधिवक्ता देशरत्न श्रीवास्तव के मार्फत प्रार्थना पत्र दिया था. जिस पर सुनवाई लंबित है. इस आवेदन पर वाद मित्र ने आपत्ति दाखिल कर खारिज करने की गुहार लगाई गई.