वाराणसी:देवाधिदेव महादेव श्रीकाशी विश्वनाथ के भव्य धाम को बने आज पूरे एक वर्ष (First anniversary of Kashi Vishwanath Dham) हो गए हैं. एक वर्ष के इस कार्यकाल में बाबा विश्वनाथ (Baba Vishwanath) के धाम में बहुत से रिकॉर्ड बनाए. 7 करोड़ से ज्यादा भक्तों ने बाबा विश्वनाथ का दर्शन पूजन किया. वहीं, मंगलवार को राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र (Rajasthan Governor Kalraj Mishra) ने भी दो दिवसीय दौरे पर काशी पहुंचकर काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन किए.
राज्यपाल कलराज मिश्र और न्यास परिषद श्री काशी विश्वनाथ के सदस्य वेंकट रमन धनपाठी ने कही ये बातें.. देवाधिदेव महादेव श्री काशी विश्वनाथ के मंदिर (Temple of Mahadev Shri Kashi Vishwanath) में मंगलवार को सुबह से ही भक्तों की जबरदस्त भीड़ उमड़ी. इसकी बड़ी वजह यह है कि आज ही के दिन पिछले साल 13 दिसंबर 2021 को बाबा विश्वनाथ के भव्य धाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने आम भक्तों को समर्पित किया था. भव्यता के साथ तैयार हुए इस धाम ने एक साल के अंदर पूरे विश्व से भक्तों को अपनी ओर खींचा और अभी भी लगातार भक्तों के आने का सिलसिला जारी है. सुबह से ही विश्वनाथ धाम में हवन पूजन के कार्यक्रम के बाद अब सांस्कृतिक कार्यक्रम की तैयारियां शुरू हो गई हैं. इसके अलावा नवग्रह पूजन गणेश पूजन और सर्वदेव पूजन के जरिए बाबा विश्वनाथ को आज विशेष भोग भी अर्पित किया गया है. जिसमें शाम 5:00 बजे से रात 8:00 बजे तक अनुराधा पौडवाल के भजन संध्या का आयोजन किया गया है. इस दौरान शिव बारात समिति की तरफ से भव्य शिव बारात की तर्ज पर भव्य शोभायात्रा भी निकाली गई.
आकर्षण का केंद्र बिंदु काशी विश्वनाथ धामः कलराज मिश्र
वहीं, दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे राज्यपाल कलराज मिश्र (Governor Kalraj Mishra) ने कहा कि काशी विश्वनाथ धाम जब से व्यवस्थित हुआ. तब से दुनिया से लोगों के आने का क्रम निरंतर जारी है. लोग उसकी भव्यता को देखने आ रहे हैं. बाबा का दर्शन तो लोग पहले से करते आ रहे थे. लेकिन अब सबके आकर्षण का केंद्र बिंदु काशी विश्वनाथ धाम बन गया है. वहीं राजस्थान के बारे में उन्होंने कहा कि बहुत अच्छा प्रदेश है. टूरिस्ट की दृष्टि से राजस्थान महत्वपूर्ण है. वहां मरूभूमि है, पर्वतीय क्षेत्र हैं और पानी भी है. वहां झीलें सर्वाधिक हैं. राजस्थान शौर्य, कला और सौंदर्य की धरती है. उसका जितना वर्णन किया जाय कम है.
नमामि गंगे संस्था ने गंगा आरती उतारी
वहीं, विश्वनाथ धाम के एक साल पूरे होने पर नमामि गंगे संस्था ने गंगा आरती उतारी. नमामि गंगे काशी क्षेत्र (Namami Gange Kashi Region) के संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि काशी देव भूमि है. मोक्ष स्थली काशी समर्पण, संस्कार व संस्कृति का मर्म समाहित किए हुए है. काशी ही नहीं बल्कि विश्व में साधना का केंद्र बाबा विश्वनाथ हैं. द्वादश ज्योतिर्लिंगों में प्रमुख बाबा विश्वनाथ अनादिकाल से काशी में गंगा तट पर विराजमान हैं. श्री काशी विश्वनाथ धाम की प्रथम वर्षगांठ पर नमामि गंगे के सदस्यों ने गंगाद्वार से काशी विश्वनाथ और मां गंगा की आरती उतारकर राष्ट्र के लिए समृद्धि की कामना की. वहीं, सभी ने नव्य गंगाद्वार से बाबा विश्वनाथ को शीश नवाया और गंगा निर्मलीकरण और पर्यावरण संरक्षण हेतु बाबा से आशीर्वाद मांगा.
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