वाराणसी: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल अपने तीन दिवसीय दौरे पर वाराणसी पहुंची है. बुधवार को राज्यपाल ने विद्या भारती के प्रतिनिधियों, अध्यापक, अध्यापिकाओं और आईसीडीएस के आंगनवाड़ी केंद्र की सीडीपीओ और सुपरवाइजरों के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने कहा की नई शिक्षा नीति में बच्चों को संस्कारित शिक्षा, ज्ञानवर्धक शिक्षा, रोजगारपरक शिक्षा सहित बच्चों के सर्वांगीण विकास के समस्त आयाम समाहित हैं.
आंगनवाड़ी सुपरवाइजर पूरा समय केंद्रों पर दें
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि वाराणसी में भ्रमण के दौरान आंगनबाड़ी केंद्र और प्राइमरी स्कूल में सुधार और परिवर्तन दिखता है. यहां अच्छा कार्य हो रहा है. सरकार से अरबों रुपए बच्चों, महिलाओं, शिक्षा के उत्थान की योजनाओं पर दिए जाते हैं. कार्यों का अनुश्रवण योजना के उद्देश्य से हुए लाभ, उपयोगिता परिवर्तन पर किया जाए. केवल बजट व्यय पर आधारित नहीं हो. आंगनवाड़ी सुपरवाइजर पूरा समय केंद्रों पर दें और कार्यकर्ता द्वारा किए जा रहे कार्यों को भौतिक रूप से देखें. जहां समस्या हो उसे निस्तारित करें.
मकान अच्छा चाहिए तो नीव मजबूत हो
आनंदीबेन पटेल ने तीन से छह वर्ष के बच्चों के बीच नया पाठ्यक्रम बनाकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और प्राथमिक विद्यालय के अध्यापकों को प्रशिक्षण देकर लागू किए जाने का सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि छोटे बच्चों को गांव में भ्रमण कराया जाए. बच्चों में जो प्रतिभा है उसकी जानकारी अभिभावकों को होनी चाहिए. उन्होंने आंगनवाड़ी केंद्रों, विद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों की दीवार पर कुछ मोटिवेटेड स्लोगन जैसे-"अच्छे फल के लिए बीज अच्छा हो", "मकान अच्छा चाहिए तो नीव मजबूत हो", "देश व राष्ट्र मजबूत चाहिए तो शिक्षा की चिंता करें" और "परिवार अच्छा चाहिए तो बाल्यावस्था की चिंता करें" को लिखवा कर बच्चों में अच्छा संदेश प्रसारित किए जाने पर भी विशेष जोर दिया.
शिक्षा क्रियाकलापों की ली जानकारी
बैठक में विद्या भारती द्वारा छोटे बच्चों के लिए संचालित शिशु वाटिका के क्रियाकलापों का प्रजेंटेशन किया. शिशु वाटिका में आनंदमई शिक्षा की परिकल्पना के साथ नई शिक्षा के प्रावधानों को समाहित किया गया है. बच्चों की विभिन्न आयामों यथा- क्रीड़ांगन, विज्ञानशाला, चित्र पुस्तकालय, कला कौशल, खेल खेल में शिक्षा, रंगमंच, शिशु संस्कार आदि से घर जैसा माहौल में आनंददायी शिक्षा दी जाती है.