वाराणसी: उत्तर प्रदेश की उच्च शिक्षा व्यवस्था को उच्च गुणवत्ता पूर्वक बनाने में अब रिटायर आईएएस अफसर मुख्य भूमिका निभाएंगे. देशभर के 12 रिटायर आईएएस अधिकारी उत्तर प्रदेश की शिक्षा को बेहतर बनाने में अपना योगदान देंगे. इसके लिए बकायदा एक संस्था का निर्माण किया गया है. योगी सरकार ने इनके साथ एमओयू साइन किया है. सरकार के इस प्रयास से प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता ठीक होगी और रिसर्च इकोसिस्टम मजबूत होगा.
ये रिटायर्ड आईएएस अधिकारी प्रदेश की शिक्षा को बेहतर और गुणवत्ता पूर्वक कैसे बनाया जा सके, इस पर मंथन करेंगे. यही नहीं इनकी संस्था सरकार और शैक्षणिक संस्थाओं की निःशुल्क सलाहकार भी होगी. सरकार द्वारा साइन किए गए एमओयू का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में न सिर्फ टीचर की गुणवत्ता को और बेहतर बनाना है, बल्कि रिसर्च का इकोसिस्टम भी मजबूत करना है.
12 रिटायर्ड अधिकारियों ने बनाई संस्थाःमुख्यमंत्री के शिक्षा सलाहकार डॉ. डीपी सिंह ने बताया कि भारत सरकार के उच्च शिक्षा विभाग के पूर्व सचिव भी इसमें शामिल हैं. इनके साथ ही महाराष्ट्र के भी पूर्व चीफ सचिव कुंठे जी शामिल हैं. इन सभी को मिलाकर कुल 12 आईएएस अधिकारी इस टीम में शामिल हैं. इन्होंने मिलकर एक संस्था बनाई है, जिसका नाम क्रिस्प रखा गया है. ये एक कंसल्टेंट के तौर पर शिक्षण संस्थानों की नि:शुल्क सहायता कर रहे हैं.
शिक्षकों के अंदर की जाएगी क्वालिटी बिल्डिंगःडॉ. डीपी सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए एमओयू साइन किया गया है. मैं भी इसमें सहभागिता कर रहा हूं. हमारे राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के फॉर्मर वाइस चांसलर प्रो. बलराज चौहान इस संस्था के नोडल को-ऑर्डिनेटर हैं. हम इसको लेकर आशा करते हैं कि इससे शिक्षकों के अंदर क्वालिटी बिल्डिंग होगी. रिसर्च इकोसिस्टम को बढ़ाने के लिए ये संस्था सहयोग देगी.