वाराणसी: प्रदेश में बढ़ रहे वायु प्रदूषण को नियंत्रण में करने और शहरी क्षेत्र में लोगों को स्वस्थ और बेहतर यातायात सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य से सिटी बस सेवा का विस्तार करने की तैयारी प्रदेश सरकार ने की है. जिसके लिए हर जिले को इलेक्ट्रॉनिक बसें दी जा रही है. वहीं पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी को भी प्रदेश सरकार की तरफ से 50 ई- बसें मिलने वाली हैं. जिसको सरकार की तरफ से मंजूरी मिल गई है.
माना जा रहा है कि नए साल से वाराणसी में बसों का संचालन शुरू भी हो जाएगा, लेकिन इन बसों के संचालन से पहले ही बनारस में इनकी राह में रोड़ा अटक गया है. यह रोड़ा है इन बसों के लिए अलग से बनाए जाने वाले बस स्टैंड की जमीन का है, जिसके लिए जमीन को चयनित तो कर लिया गया, लेकिन अब तक वह जमीन रोडवेज के हाथ नहीं आई है.
इलेक्ट्रॉनिक बसें खड़ी करने के लिए नहीं है जमीन
वाराणसी में राजा तालाब तहसील क्षेत्र स्थित एक गांव में 2 एकड़ जमीन का चयन सरकार की तरफ से 2018 में ही किया जा चुका था, लेकिन इस जमीन के चयन के बाद जिस विभाग के अधीन यह जमीन थी. उससे इस जमीन को खरीदने और उसका पैसा राजस्व विभाग में ट्रांसफर करने को लेकर कुछ गड़बड़ियां हो गई और कागजी कार्रवाई में दिक्कतों की वजह से मामला फंसा गया.