वाराणसी : पूर्वांचल का सबसे बड़ा बाजार बनारस है. बनारस का स्वर्ण बाजार खासा महत्व रखता है. यहां प्रत्येक महीने का व्यापार 200 करोड़ के ऊपर होता है. इस बाजार में इन दिनों फुटकर निवेशकों की आवाजाही तेज है. ऐसा मोदी सरकार की नई नीति के कारण है जो सोने के व्यापार में नया विश्वास लेकर आई है. सोने पर हॉलमार्क नीति से बनारस के स्वर्णकला बाजार में 35 प्रतिशत का इजाफा हो गया है. इसका असर ग्राहक और दुकानदार दोनों पर दिख रहा है.
बनारस के स्वर्ण बाजार के गहने पूर्वांचल के साथ साथ पूरे बिहार में सप्लाई किए जाते हैं. यही वजह है कि पूर्वांचल व बिहार दोनों का व्यापारिक संबंध जेवरात के मामले में बनारस से बेहद घनिष्ट है. सरकार की हॉलमार्क नीति से इन बाजारों में फुटकर निवेशकों को और बढ़ाया है. वाराणसी में गहनों का बाजार पूरे माह लगभग 200 करोड़ से ज्यादा का होता है. फिलवक्त अब सोने के कारोबार में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. इसका महत्वपूर्ण कारण हॉल मार्क नीति को माना जा रहा है. इस नीति से ग्राहकों की गहनों की विश्वसनीयता बढ़ी है. ऐसे में दुकानदारों को ग्राहकों को समझाने में ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ रही है.
स्वर्ण व्यापारी शैलेश वर्मा (Gold trader Shailesh Verma) कहते हैं कि हाॅल मार्क नीति सोने के कारोबार में संजीवनी की तरह साबित हो रही है. इससे हम ग्राहकों को आसानी से किसी भी गहने के बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध हो जाती है. हॉलमार्क पर बने कोड के जरिए ग्राहक BIS के एप पर जाकर सोने की गुणवत्ता, शुद्धता, डिजाइन आदि जानकारी आसानी से जा सकते हैं. यही वजह है कि कारोबारियों के साथ-साथ फुटकर में भी लोग अब इसमें निवेश कर रहे हैं. इससे व्यापार लगभग 35 फीसदी बढ़ा है.