वाराणसीःदेव दीपावली पर 19 नवंबर को बनारस इतिहास रचने जा रहा है. ये इतिहास भारत को एक नई पहचान देगा. क्योंकि पहली बार देव दीपावली के महाआरती में कन्याएं मुख्य अर्चक के रूप में शामिल होंगी और गंगा मां की आरती करेंगी. वाराणसी के शीतला घाट पर होने वाली प्रसिद्ध गंगा आरती कन्याओं के शामिल करने का आयोजकों ने फैसला लिया है. महा गंगा आरती में शामिल होने के लिए कन्याएं मुख्य अर्चक के रूप में ट्रेनिंग लेना भी शुरू कर दी हैं.
गौरतलब है कि काशी में होने वाली देव दीपावली की रोशनी पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. इस दिन 84 घाट दियों के रोशनी से नहाए होते हैं, वहीं दो घाटों पर होने वाली प्रसिद्ध गंगा आरती भी खासा आकर्षण का केंद्र होती है. इस आरती में राजनेताओं से लेकर बॉलीवुड हस्तियां तक शामिल होती हैं. पहली बार इस गंगा आरती में कन्याएं मुख्य अर्चक के रूप में शामिल हो रही हैं, अब तक ये जिम्मेदारी पुरुष अर्चक ही उठाते आ रहे थे. गंगा आरती में शामिल होने के लिए कन्याओं को पिछले कई दिनों से ट्रेनिंग दी जा रही है. कन्याओं को मां गंगा की आरती करने के गुण सिखाये जा रहे हैं.
हर साल देव दीपावली पर गंगा आरती में कन्याओं को रिद्धि-सिद्धि के रूप में लेकिन पहली बार मुख्य अर्चक के रूप में किया जा रहा है. गंगा आरती में 51 अर्चकों में 5 कन्याएं मुख्य अर्चक के रूप में शामिल होंगी, जो सभी पुरुष अर्चकों का प्रतिनिधित्व करेंगी. गंगोत्री सेवा निधि के संचालक दिनेश महाराज ने बताया कि काशी पूरे देश को संदेश देती है, एक समय था जब पूजा पाठ नें पुरुष अर्चकों को महत्व दिया जाता था. लेकिन अब ये 21वीं सदी में अब लड़कियां यज्ञ, पूजा-अर्चना भी कर रही हैं. ऐसे में गंगा आरती भी अब करेंगी. मुख्य अर्चक के रूप में शामिल होने वाली बेटियों का कहना है कि कि यह उनके लिए सम्मान की बात है. यह फैसला लड़कियों के लिए बड़ा कदम है, काशी से नारी सशक्ति का संदेश पूरे विश्व में जाएगा.