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काशी में गिरिजा के ठाट संग दिखेगा पूर्वांचल का हाट, पूर्वांचल की विरासत को मिलेगा बाजार

वाराणसी जिले में मशहूर ठुमरी गायक गिरिजादेवी के नाम से सांस्कृतिक संकुल बनेगा. जहां देश-विदेश के पर्यटक वाराणसी की विरासत के साथ साथ यहां के खाने के स्वाद का भी लुत्फ उठा सकेंगे.

स्पेशल रिपोर्ट
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Published : Oct 13, 2021, 1:11 PM IST

वाराणसी: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार काशी के मिजाज के अनरूप एक ऐसी जगह बनाने जा रही है जहां देशी -विदेशी मेहमान बनारसी व्यंजन का स्वाद चख पाएंगे, हैंडीक्राफ्ट समेत अन्य सामान खरीद पाएंगे. ओपन थियेटर में सांस्कृतिक कार्यक्रम देख सकेंगे. यह स्थान है वाराणसी के चौका घाट स्थित पद्म विभूषण गिरिजा देवी सांस्कृतिक संकुल(Girija Devi Cultural Complex). इस बाजार में एक तरफ जहां कला व हुनर को नई उड़ान मिलेगी तो वहीं देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को भी एक ही जगह वाराणसी की विरासत देखने व समझने में आसानी होगी और शिल्पियों के विश्व विख्यात उत्पाद खरीदने में सहूलियत होगी.

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बता दें, कि वाराणसी के सांस्कृतिक संकुल(Cultural Complex) में बनने वाले काशी हाट में कदम रखते ही काशी ही नहीं पूरे पूर्वांचल के उत्पादों की झलक दिखेगी. यहां बनारस समेत पूर्वांचल के विशेष खान-पान का रोज मेला लगेगा. वहीं शिल्पियों को साल भर के लिए एक बड़ा बाजार भी मिलेगा. काशी हाट में सभी जीआई, ओडीओपी उत्पादों को शामिल किया जाएगा. ओपन थियेटर पूर्वांचल के कलाकारों को मंच प्रदान करेगा.
9 एकड़ क्षेत्रफल में 13.53 करोड़ से हो रहा निर्माण
वाराणसी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष ईशा दुहन ने बताया कि सांस्कृतिक संकुल में एक ही स्थान पर एक ऐसा माहौल बनाने की कोशिश है. जहां गिरिजा देवी की यादों संग पूर्वांचल के हुनरमंद शिल्पियों को देशी और विदेशी खरीदार मिल सकें. देशी-विदेशी पर्यटक पूर्वांचल के खास खान-पान का स्वाद चख सकें. ओपन थियेटर पूर्वांचल के कलाकारों को मंच देगा और लुप्त हो रही लोक कलाओं को जिंदा रखने और लोगों को तक पहुंचाने में मदद करेगा. उन्होंने कहा कि विश्व के पुरातन और जीवंत शहर काशी की विरासत को संजोकर एक जगह रखने लिए म्यूजियम का भी निर्माण होगा. सेकंड फेज में 13.53 करोड़ की लागत से इस हाट का निर्माण होगा, इसमें 54 दुकानों के माध्यम वाराणसी की हस्तकला एवं हैंडलूम का व्यापक प्रदर्शन किया जायेगा और 32 फूड प्लाजा होंगे. यहां खास बनारसी व्यंजन पर्यटक चख सकेंगे. उन्होंने बताया कि 150 व्यक्तियों की क्षमता वाले आधुनिक सुविधायों से युक्त एम्फीथिएटर का विकास किया जायेगा.
पीएम मोदी करेंगे लोकार्पण
गौरतलब हो कि मकबूल आलम रोड स्थित पद्मविभूषण गिरिजा देवी सांस्कृतिक संकुल का क्षेत्रफल लगभग 9 एकड़ है. परियोजना की लागत रु.13.53 करोड़ है. जिसमे मुख्यतः हाट क्षेत्र, पार्किंग, टॉयलेट ब्लाक, एम्फीथिएटर का उच्चीकरण का कार्य, केफेटेरिया (पियाजा) कियोस्क, शॉप, बाह्य विकास कार्य, सीसी रोड, विद्युतीकरण कार्य इत्यादि, लैंड स्केपिंग अत्याधुनिक रैन वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली का काम होगा. खास बात यह है कि पीएम मोदी इस परियोजना का लोकार्पण भी करेंगे.




कौन हैं गिरिजा देवी

कला, संस्कृति के अद्भुत शहर काशी में ऐसे कलाकार जन्में, जिन्होंने काशी ही नहीं बल्कि भारत को विश्व पटल पर एक अलग पहचान दिलाई. ऐसी ही एक कलाकार थीं ठुमरी की महान गायिका स्वर्गीय गिरिजा देवी. 8 मई 1929 में काशी में हुआ था. ठुमरी को लोकप्रिय बनाने में गिरिजा देवी का बहुत बड़ा योगदान है. भारत सरकार ने उन्हें पद्म विभूषण (2016) और पद्म भूषण (1989) से भी सम्मानित किया था.

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