वाराणसीः प्रयागराज के नैनी सेंट्रल जेल में बंद बसपा सांसद अतुल राय को एक और मामले में कोर्ट से राहत मिल गयी है.विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए कोर्ट) सियाराम चौरसिया की अदालत ने कैंट थाने के जानलेवा हमले के मामले में बसपा सांसद समेत 16 आरोपितों को साक्ष्य के आभाव में संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया है. वहीं, तीन आरोपियों की पत्रावली अलग कर दी गयी. जबकि एक आरोपी की मौत के चलते उसके खिलाफ सुनवाई समाप्त कर दी गयी. अदालत में आरोपी सांसद अतुल राय, अभिषेक उर्फ हनी, सतीश उर्फ बच्चा व शिशु उर्फ शिवकुमार की ओर से अधिवक्ता अनुज यादव, दिलीप श्रीवास्तव, विनीत सिंह व विकास सिंह ने पक्ष रखा. वहीं अन्य आरोपियों की ओर से उनके अधिवक्ताओं ने पक्ष रखा. सांसद के अधिवक्ता अनुज यादव ने बताया कि 27 अगस्त को 2011 में एक एफआईआर कैण्ट थाने के तत्कालीन थाना प्रभारी सुनील वर्मा द्वारा दर्ज कराया गया था. दर्ज मुकदमें में अतुल राय समेत 22 लोगों को आरोपी बनाया गया था.
सांसद अतुल राय के अधिवक्ता अनुज यादव ने बताया कि तत्कालीन थानाध्यक्ष कैण्ट सुनील वर्मा 27 अगस्त 2011 को पुलिस टीम के साथ क्षेत्र में गश्त कर रहे थे. इसी दौरान पुलिस को सूचना मिली कि कुछ बदमाश बिना नंबर की मोटरसाइकिल व जीप पर असलहों से लैस होकर सोयेपुर की तरफ से भक्ति नगर व काली मंदिर होते हुए शहर की तरफ से जघन्य घटना को अंजाम देने जा रहे हैं. सूचना पर पुलिस टीम ने काली मंदिर होते हुए भक्ति नगर तिराहे के समीप पहुंचकर पेड़ व दीवार की आड़ लेकर घेराबंदी करते हुए बदमाशों के आने का इंतजार करने लगे.उसी दौरान सोयेपुर की तरफ से तीन मोटरसाइकिल व एक हंटर जीप पर कुछ लोग आते दिखाई दिए. पुलिस ने जब उन्हें रुकने का इशारा किया तो सभी बदमाश पुलिस टीम को जान से मारने की नीयत से अंधाधुंध फायरिंग करते हुए वहां से भागने लगे.