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गरीबों के मसीहा बने गौरव, दो बार संक्रमित होने के बाद भी नहीं हारी हिम्मत

कोविड-19 (coronavirus) लॉकडाउन में सबसे ज्यादा प्रभावित गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों की मदद बनारस के गौरव कपूर कर रहे हैं. इनके साथ जिले के कई लोग भी इस कार्य में शामिल हैं. गौरव पिछले साल से लगातार अपनी टीम के साथ गरीबों को खाद्य सामग्री, तैयार भोजन और मेडिकल किट उपलब्ध करा रहे हैं.

गरीबों के मसीहा बने गौरव
गरीबों के मसीहा बने गौरव

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Published : Jun 9, 2021, 7:31 PM IST

वाराणसी: कोरोना महामारी (coronavirus) के इस दौर में दर्द और व्यथा की कहानियां ज्यादा हैं. मगर वाह के अफसाने भी कुछ कम नहीं है. ऐसा ही एक अफसाना लिख रहे हैं वाराणसी के रहने वाले गौरव कपूर. जी हां, गौरव बीते साल से गरीबों में जरूरत के सामानों को उपलब्ध करा रहे हैं. साथ ही उनकी हर संभव मदद कर रहे हैं. जिससे इस महामारी के दौर में उन्हें दवा और खाने के आभाव में दर-दर भटकना न पड़े. खास बात यह है कि दो बार संक्रमित होने के बावजूद भी गौरव ने अपनी हिम्मत नहीं हारी, बल्कि वह अपने आप से किए हुए वादे को निभा रहे हैं.

मेडिकल किट के साथ राशन भी कराते हैं उपलब्ध

वाराणसी के महमूरगंज इलाके में रहने वाले गौरव कपूर बताते हैं कि देश में जब 2020 में कोरोना महामारी की शुरूआत हुई और लॉकडाउन लगाया गया, तभी से उन्होंने गरीब तबके के लोगों और जरुरतमंदों की मदद करने की शुरूआत की. उन्होंने सबसे पहले लोगों के बीच में मास्क-सैनिटाइजर का वितरण किया. इस कार्य के लिए उन्होंने एनजीओ की सहायता भी ली. एनजीओ की मदद से गौरव लोगों तक राशन और मेडिकल किट भी पहुंचाना शुरू कर दिए. वर्तमान में गौरव शहर के विभिन्न इलाकों में जाकर गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए राशन, मास्क, सैनिटाइजर उपलब्ध कराते हैं. गौरव का कहना है कि 'हमारा बस एक उद्देश्य है कि कोई भी महामारी के दौर में भूखा ना सोए.'

गरीबों के मसीहा बने गौरव
10 हजार से ज्यादा परिवारों को पहुंचाई मदद

गौरव बताते हैं कि अब तक उन्होंने 10 हजार से ज्यादा परिवार को राशन और लगभग 50 हजार लोगों को मास्क और सैनिटाइजर वितरित कर दिया है. उन्होंने बताया कि जब लॉकडाउन लगा था, तो मैंने यह वचन लिया था कि 'जब तक वैक्सीनेशन सबका नहीं हो जाता, तब तक मैं मास्क वितरित करूंगा. मैं अपने उसी वचन का निर्वहन कर रहा हूं. इसमें मेरी टीम मदद कर रही है.'

दो बार संक्रमित होने के बाद भी नहीं हारे हौसला

दो बार कोरोना संक्रमित होने के बावजूद भी गौरव ने हार नहीं मानी. काम करने का तरीका थोड़ा सा बदल दिया. पहले वह स्वयं जनता के बीच में जाकर उनकी मदद करते थे. वर्तमान में भी वह जनता के बीच में जाते हैं, लेकिन वह अपनी टीम की सहायता से ज्यादा मदद पहुंचाते हैं. गौरव की टीम के सदस्य अजीम अख्तर बताते हैं कि लोगों को हम राशन, या तो गौरव भैया के घर पर बुलाकर देते हैं. या लोगों के घर तक जाकर राशन का वितरण करते हैं. उन्होंने बताया कि गरीब के साथ-साथ मध्यम वर्गीय परिवार को भी राशन बांटते हैं. उन्होंने बताया कि हम देर रात भी जरुरतमंदों के दरवाजे तक जाकर राशन मुहैया कराते हैं, जिससे वह इस महामारी के दौर में अपना गुजारा कर सकें.

गरीबों और मध्यम वर्गीय के लिए बने मसीहा

स्थानीय लोगों का कहना है कि गौरव भैया उनके लिए मसीहा की तरह हैं. लॉकडाउन में काम बंद हो गया. रोजगार का कोई चारा नहीं रहा. दो वक्त की रोटी जुटाना मुश्किल था. लोग भूखे सोने को मजबूर थे. ऐसे में समाजसेवी गौरव की मदद से उनकी जिंदगी सामान्य रूप से चल रही है. गरीब और मध्यम वर्गीय को दो वक्त का खाना, मेडिकल किट, मास्क, सैनिटाइजर समय से मिलता है.

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