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Published : Oct 19, 2021, 6:27 PM IST

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पेट्रोल-डीजल का विकल्प बनेगी गोबर से तैयार गैस, पशुपालकों की भी होगी आमदनी

यूपी के वाराणसी में बायोगैस प्लांट का निर्माण कराया गया है, जहां पर गोबर से सीबीजी और सीएनजी गैस बनाई जाएगी. इस प्लांट से पशुपालकों की भी अच्छी कमाई होगी और गोबर से होने वाली गंदगी भी कम होगी.

पशुओं के गोबर से बनेगी गैस
पशुओं के गोबर से बनेगी गैस

वाराणसी: केंद्र और राज्य सरकार लगातार विभिन्न योजनाओं के संचालन के जरिए किसान और पशुपालकों की आर्थिक स्थिति को सुधारने की कवायद में जुटी हुई है. इसी क्रम में सरकार की ओर से संचालित की जा रही नई योजना के तहत अब पशुपालकों को पशुओं का गोबर फेंकने की जरूरत नहीं होगी, बल्कि सरकार की ओर से अब गोबर को भी खरीदा जाएगा. इसको लेकर केंद्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के शहंशाहपुर में बायोगैस प्लांट का निर्माण कराया गया है, जहां पर गोबर से सीबीजी और सीएनजी गैस बनाई जाएगी.

पशुपालकों को गोबर देगा पैसा

हमेशा से पशुपालकों और आमजन के लिए गोबर गंदगी की बड़ी वजह रहा है. इसको लेकर शहर के पशु और गोशालाओं को गांवों और शहर की सीमा से स्थानांतरित किया जा रहा है लेकिन, अब इस गंदगी से पशुपालकों को परेशान होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि अब इसी गंदगी से उन्हें पैसे मिलेंगे. इस बाबत नगर निगम पशु चिकित्सा अधिकारी अजय प्रताप सिंह ने बताया कि सरकार की ओर से सीएसआर फंड के तहत वाराणसी के आराजी लाइन ब्लॉक के शहंशाहपुर गांव में बायो गैस प्लांट स्थापित किया जा रहा है. यहां गोबर और तरल पदार्थों के जरिए सीएनजी गैस बनाई जाएगी. सीएनजी गैस हमारे पर्यावरण को शुद्ध रखेगी तो वहीं लोगो को आर्थिक लाभ भी मिलेगा. उन्होंने बताया कि प्लांट संचालन के लिए एसपी का गठन होगा और यह तय करेगा कि कच्चा माल कहां से खरीदा जाएगा और गोबर का दाम कितना होगा. प्रतिदिन 90 टन के लगभग गोबर एकत्रित किया जाएगा और पशुपालकों को लगभग 80 पैसे से ज्यादा प्रतिकिलो तक इसका दाम दिया जाएगा, जिससे पशुपालकों की आमदनी बढ़ेगी और उन्हें परेशान नहीं होना पड़ेगा.

पशुओं के गोबर से बनेगी गैस

पशुपालकों में जगी उम्मीद

इस बाबत पशु पालकों का कहना है कि इस योजना से उन्हें लाभ होगा. यदि भविष्य में इस योजना का क्रियान्वयन कर दिया जाएगा तो इससे आमदनी तो होगी ही वहीं गोबर की गंदगी भी समाप्त हो जाएगी.

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जैविक खेती को भी मिलेगा बढ़ावा

पशु चिकित्सा अधिकारी अजय प्रताप सिंह ने बताया कि यह प्रोजेक्ट सीएसआर फंड से पूरा हो रहा है, जिसकी अनुमानित लागत लगभग 23 करोड़ है. उन्होंने बताया कि इससे एक ओर जहां पशुओं की गोबर बिक्री का अवसर खुलेगा तो वहीं जैविक खेती को भी बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि गोबर से गैस तैयार की जाएगी और उससे बचने वाले अपशिष्ट को फसल में लगा दिया जाएगा. आमतौर पर गोबर को काफी दिनों तक रख के खाद बनाई जाता है लेकिन, इसमें इस्तेमाल होने के बाद गोबर का बचा हुआ अपशिष्ट तुरंत प्रयोग में लाने लायक होगा, इससे जैविक खेती को भी बढ़ावा मिलेगा.

पीएम मोदी कर सकते हैं लोकार्पण

बता दें कि पूरे देश में लगभग 17 बायोगैस प्लांट का निर्माण हो रहा है और वाराणसी में लगने वाले बायोगैस प्लांट से लगभग हाई टन कंप्रेस्ड बायोगैस के उत्पादन की संभावना जताई जा रही है. इस बाबत नगर आयुक्त प्रणय सिंह ने बताया कि एक निजी कंपनी के द्वारा बायोगैस प्लांट का निर्माण कराया जा रहा है जो लगभग बनकर तैयार है. यहां पर गोबर के जरिए सीबीजी गैस बनाई जाएगी. यहां पर इस्तेमाल होने वाले गोबर आसपास की गोशालाओं के पशुपालकों से खरीदा जाएगा, जिससे उनको लाभ मिलेगा साथ ही पर्यावरण भी शुद्ध रहेगा. उन्होंने बताया कि इस बायोगैस प्लांट को प्रधानमंत्री अपने संभावित 25 अक्टूबर के दौरे पर जनपदवासियों को समर्पित करेंगे, जिसके बाद यहां पर गैस निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा.

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