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वाराणसी: बीएचयू गंगाजल के बैक्टियोफॉज से बनाएगा कोरोना वायरस की दवा

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Published : Sep 15, 2020, 7:50 AM IST

कोरोना से मुक्ति दिलाने में गंगाजल का अहम योगदान हो सकता है. गंगाजल के बैक्टियोफॉज से कोरोना के नाश होने का दावा बनारस हिंदु विश्वविद्यालय के मेडिकल साइंस की ओर से किया जा रहा है. गंगाजल से बना अगर यह स्प्रे सफल हुआ तो मात्र 10 रुपये का खर्च होगा.

गंगाजल के बैक्टियोफॉज से मिलेगी कोरोना वायरस से मुक्ति.
गंगाजल के बैक्टियोफॉज से मिलेगी कोरोना वायरस से मुक्ति.

वाराणसी: बीएचयू के मेडिकल साइंस की ओर से गंगाजल से कोरोना वायरस की दवा बनाने का दावा किया जा रहा है. इसी प्रयास को लेकर बीएचयू के प्रोफेसर और उनकी टीम जुटी है. जल्द से जल्द कोरोना वैक्सीन बना लें. गंगाजल से बना अगर यह स्प्रे सफल हुआ तो मात्र 10 रुपये का खर्च होगा. वैश्विक महामारी की दवा हमारे पास होगी.

हाईकोर्ट के अधिवक्ता और गंगा से जुड़े मामलों के पक्षकार अरुण गुप्ता ने बताया कि सभी जर्नल्स का अध्ययन किया गया और लॉकडाउन शुरू होते ही शोध आधारित साइंटिफिक पेपर भी तैयार किए गए. जिसे राष्ट्रपति के पास भेजा गया है. उनसे अनुरोध किया गया है कि गंगा की क्यूरेटिव वैल्यू पर कार्य कराए. उस विषय को देखते हुए राष्ट्रपति ने उसे आयुष मंत्रालय को भेजा और स्वास्थय मंत्रालय को भेजा है.

गंगा जल में उपस्थिति बैक्टियोफॉज वायरस को मारता है
अरुण गुप्ता ने बताया कि 29 अप्रैल को प्रेजेंटेशन के दौरान मैंने बताया कि गंगा में बैक्टियोफॉज है. जो वायरस मारता है. जो साइंटिफिक रिसर्च के बेसिस पर लिखा है. उन्होंने क्लिनिकल डाटा मांगा है. जिसके लिए मैंने बीएचयू के डॉ. विजय नाथ मिश्रा से सम्पर्क कर 5 चिकित्सकों की टीम तैयार की है. उन्होंने इस पर क्लिनिकल डाटा तैयार कर उसे इंटरनेशनल जर्नल में भेजा है.

गंगाजल के बैक्टियोफॉज से मिलेगी कोरोना वायरस से मुक्ति.

विश्व के डॉक्टरों ने माना गंगाजल बेहतर हो सकता है विकल्प
विश्व के तमाम डॉक्टर्स ने इस पर अध्यययन के बाद माना कि गंगा जल में बैक्टियोफॉज है. इस विषय पर बीएचयू के डॉक्टर्स की टीम ने आईएमएस कमेटी में भी इस प्रपोजल को रखा है. एक स्प्रे भी बनवाया है, जिसके बेस पर मात्र 10 रुपये की दवा बनेगी, जो कोरोना को भगा देगी. हमारा प्रयास है गरीब जनता को सबसे सस्ती दवा मिले. मेरी इच्छा है कि यह प्रयास सफल हो और कोरोना की दवा बनारस से निकले.

198 कोरोना मरीजों पर होगा ट्रायल
इस पूरे मामले पर बीएचयू के प्रोफेसर विजय नाथ मिश्र ने बताया कि हाइपोथेसिस रिसर्च किया गया है. इसमें गंगोत्री, प्रयागराज, कानपुर, वाराणसी समेत 17 जिलों, जिसमें गंगा में बैक्टियोफॉज जो कोरोना को हरा सकता है. यह उन स्थानों पर ज्यादा कारगर है जहां पर गंगा साफ है. 2 सितंबर को शोध को स्वीकार हो गई है. जल्द ही इसका प्रकाशन होगा. इसके लिए हमने आईएमएस को स्प्रे उपचार के लिए प्रस्ताव भेजा है. स्प्रे भी हमने तैयार कर लिया है. इसका 198 कोरोना मरीजों पर ट्रायल की योजना बनाई जा रही है. हमने वर्षों के रिसर्च में यह भी देखा है. जो नियमित रूप से गंगा में स्नान करते हैं या गंगा के जल आचमन करते हैं. उनको कोरोना नहीं हुआ है.

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