वाराणसी: बनारस में गंगा चेतावनी बिंदु के ऊपर बह रही है. गंगा के वार्निंग लेवल क्रॉस करने पर प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट हो गया है. वहीं, एनडीआरएफ को भी सर्तक कर दिया गया है. डीएम ने बाढ़ को लेकर मुकम्मल तैयारियां कर ली हैं.कई हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं.
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि जनपद में गंगा नदी का चेतावनी बिंदु 70.26 मीटर है, खतरे का स्तर 71.26 मीटर और अधिकतम जलस्तर 73.901 है. शनिवार को केंद्रीय जल आयोग द्वारा सुबह 8 बजे गंगा नदी का जलस्तर 70.36 मीटर हो गया, जो चेतावनी बिंदु से 10 सेमी. अधिक है. गंगा के वार्निंग लेवल के ऊपर बहने पर प्रशासन लोगों की सुरक्षा और उनके सुरक्षित ठिकानों की व्यवस्था में जुट गया है.
रखें इन बातों का ध्यान, क्या करें क्या न करें
डीएम कौशल राज शर्मा ने आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं. उन्होंने बाढ़ की स्थिति में क्या करें, क्या न करें के संबंध में विस्तार से अवगत कराते हुए बताया कि बाढ़ से पूर्व ऊंचे स्थानों को पहले से चिह्नित करें. जरूरी कागजात जैसे-राशन कार्ड, बैंक पासबुक, मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड इत्यादि को वॉटरप्रुफ बैग में सम्भाल कर रखें. आवश्यकतानुसार खाद्य सामग्री जैसे-बिस्किट, लाई, भुना चना, गुड़, चूडा, नमक, चीनी, सत्तू इत्यादि एकत्र करें. बीमारी से बचाव के लिए क्लोरिन, ओआरएस और आवश्यक दवाइयां प्राथमिक उपचार किट में रखें. सूखे अनाज एवं मवेसियों के चारे को किसी ऊंचे स्थान पर सुरक्षित रखें. जैरीकैन, छाता, तिरपाल, रस्सी, हवा से भरा ट्यूब, प्राथमिक उपचार किट, मोबाइल व चार्जर, बैटरी चालित रेडियो, टॉर्च, इमरजेन्सी लाइट, माचिस इत्यादि पहले से तैयार रखें और पशुओं में होने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए पशुओं का समय से टीकाकरण कराएं.
उन्होंने कहा कि बाढ़ की चेतावनी मिलते ही गर्भवती महिलाओं, बच्चों, वृद्धों, दिव्यांग जनों और बीमार व्यक्तियों को तुरन्त सुरक्षित स्थान पर पहुचाएं. घर छोड़ने से पूर्व बिजली का मुख्य स्विच व गैस के रेगुलेटर को अनिवार्य रूप से बंद करें एवं शौचालय सीट को बालू से भरी बोरी से ढकें. बाढ़ में डूबे हैंडपंप के पानी का सेवन न करें, उबला हुआ ए क्लोरीन युक्त पानी का उपयोग करें. बाढ़ के पानी के सम्पर्क में आई खाद्य सामग्रियों का सेवन न करें. गर्भवती महिलाओं को आशा एवं एएनएम की मदद से सुरक्षित प्रसव की व्यवस्था करें. बिजली के तार एवं ट्रांसफार्मर से दूर रहें. डंडे से पानी की गहराई की जांच करें, गहराई पता न होने पर उसे पार करने की कोशिश न करें.