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ऋषिकेश से गंगा मशाल यात्रा काशी पहुंची, हुआ भव्य स्वागत - वाराणसी की खबर

गंगा मशाल यात्रा काशी पहुंची. इसी क्रम में गंगा मशाल टीम का अस्सी घाट पर भव्य स्वागत हुआ. इस यात्रा के माध्यम से नदियों को स्वच्छ रखने का संदेश आम जनता तक पहुंचाया जाएगा.

गंगा मशाल यात्रा
गंगा मशाल यात्रा

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Published : Nov 15, 2021, 10:54 PM IST

वाराणसी: आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अन्तर्गत गंगा मशाल यात्रा 8 नवम्बर को ऋषिकेश उत्तराखण्ड से चलकर 26 नवम्बर को बंगाल की खाड़ी तक जायेगी. मेजर जनरल एल.एन जोशी एवं सुनील कुमार सिंह, उप निदेशक, जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार के नेतृत्व में गंगा मशाल यात्रा लायी गई. इसी क्रम में गंगा मशाल टीम का अस्सी घाट पर भव्य स्वागत हुआ. आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर गंगा उत्सव-एक नदी महोत्सव कार्यक्रम के तहत अस्सी घाट पर वैदिक मंत्रोच्चारण, गंगा आरती, गंगा यज्ञ कार्यक्रमों का आयोजन सम्पन्न कराया गया.



गंगा मशाल यात्रा का उद्देश्य जन सामान्य को गंगा की पवित्रता, स्वच्छता और उनके महत्व के प्रति जागरूक करना है. गंगा भारतीय सांस्कृतिक, धार्मिक एवं ऐतिहासिक रूप से देश में अपना महत्वपूर्ण स्थान रखती है. गंगा को पवित्र, स्वच्छ और निर्मल बनाये रखना सभी भारतीयों का कर्तव्य है. गंगा मशाल दल के नोडल अधिकारी जल शक्ति मंत्रालय के उप निदेशक सुनील कुमार सिंह ने बताया कि गंगा की स्वच्छता, अविरलता और निर्मलता के प्रति जन-मानस में अलख जगाने हेतु अभियान चलाया जा रहा है. आस्था और संस्कृति के प्रतीक गंगा को साफ रखने के लिए सामूहिक भागीदारी की आवश्यकता है.

गंगा मशाल यात्रा का नेतृत्व कर रहे गंगा टॉस्क फोर्स के मेजर एलएन जोशी ने बताया कि गंगा को भारत सरकार, जल शक्ति मंत्रालय की ओर से बीते 4 नवम्बर को राष्ट्रीय नदी घोषित किये जाने के साथ ही देश भर में गंगा उत्सव के कार्यक्रम आयोजित किये गये.

गंगा मशाल यात्रा के माध्यम से हम नदियों को स्वच्छ रखने का संदेश आम जन तक पहुचायेंगे. मेजर एलएन जोशी ने संकल्प दिलाया कि हम गंगा में कूड़ा-कचरा एवं पॉलीथीन प्रवाहित नहीं करेंगे. हम गंगा के साथ-साथ यमुना को स्वच्छ रखेंगे.

हम गंगा की अन्य सहायक नदियों को स्वच्छ रखने के लिए लोगों को प्रेरित करेंगे. हम जलीय- जीवों एवं वृक्षों का संरक्षण करेंगे. हम नदियों में पूजा सामग्री एवं मूर्तियां विसर्जित नहीं करेंगे. हम पूजा सामग्री को नदी में प्रवाहित करने के बजाय मिट्टी में गाड़ेंगे.

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कार्यक्रम का आयोजन जिला गंगा समिति की अगुवाई में महावीर कौजलगी, प्रभागीय वनाधिकारी सदस्य सचिव जिला गंगा समिति ने सभी सदस्यों एवं प्रतिभागियों के सहयोग से किया गया. कार्यक्रम का संचालन सुबह-बनारस के सचिव, डॉ. रत्नेश वर्मा द्वारा संचालित करते हुए बनारस की सुबह बनारस का मशहूर सांस्कृतिक कार्यक्रम, यज्ञ, वैदिक मंत्र पठन तथा गंगा आरती के साथ प्रारम्भ करते हुए बनारस की संस्कृति का परिचय गंगा मशाल यात्रा के सदस्यों को दिलाया.


कार्यक्रम के अन्तर्गत डॉ. विधि नागर के उपन्यासिका एवं उनके टीम द्वारा सांस्कृतिक नृत्य प्रस्तुतिकरण के साथ मां गंगा का संरक्षण का संदेश दिया. बीएचयू के गंगा सेन्टर के गंगा मित्र बच्चों द्वारा नुक्कड़ नाटक तथा गायन के साथ गंगा की अविरलता बनाये रखने का संदेश दिया. कार्यक्रम के सफल आयोजन में जिला गंगा समिति के सदस्य, स्वयं सेवी संस्थाएं, सृजन सेवा संस्था, गंगा विचार मंच, वेस इंण्डिया, नेहरू युवा केन्द्र, गंगा प्रहरी, गंगा दूत, गंगा मित्र, एनसीसी, एनएसएस कैडेटों, वन्य जीव संस्थान सदस्य, एनडीआरएफ, गंगा टास्कफोर्स एवं वन विभाग के कर्मचारी व अधिकारियों ने योगदान दिया.

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सांसद बालाशोर उड़ीसा प्रतापचन्द्र परंग ने कार्यक्रम में गंगा मशाल का स्वागत करते हुए अपने संबोधन में कहा कि गंगा के महत्व को लेकर प्रतिभागियों को प्रेरित किया गया. कार्यक्रम में भारत सरकार के नमामि गंगे की ओर से सुनील कुमार सिंह, उप निदेशक, जल शक्ति मंत्रालय व उनके अधिकारियों की टीम द्वारा प्रतिभाग कर जिला गंगा समिति के द्वारा कार्यक्रम का सफल आयोजन एवं किये जा रहे कार्यो की उत्कृष्ट सराहना की गयी. इस संकल्प के साथ अविरल गंगा के संदेश के साथ आज सोमवार को वाराणसी में गंगा मशाल यात्रा कार्यक्रम के उपरान्त गंगा मशाल टीम पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार गाजीपुर मार्ग से प्रस्थान किया गया.

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