वाराणसी: पतित पावनी मां गंगा को स्वच्छ करने के लिए केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की पहल से नमामि गंगे के मुहिम के तहत गंगा एक्सपीडिशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. 10 अक्टूबर को देवप्रयाग से शुरू हुआ यह मुहिम बंगाल के गंगासागर तक जाएगा. बता दें की पीएम मोदी भी परमवीर सिंह के इस यात्रा के कायल हो चुके हैं और अपने मन की बात में उन्होंने उनकी तारीफ भी की थी.
प्रयागराज से बंगाल के गंगासागर तक जाएगी यह यात्रा. 10 अक्टूबर से शुरू हुआ गंगा एक्सपीडिशन कार्यक्रम
टीम का नेतृत्व करने वाले भारतीय वायु सेना के जवान परमवीर सिंह गुरुवार को अपने 18 सदस्य की टीम के साथ जलमार्ग से राफ्टिंग करते हुए देर शाम धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी पहुंचे. यहां काशी वासियों ने पूरे धार्मिक रीति-रिवाज से शंख बजाकर, मंत्रोचार के साथ इनके टीम का स्वागत किया.
10 अक्टूबर को देवप्रयाग सेवर एक्सपीडिशन शुरू होकर विभिन्न स्थानों से होते हुए बंगाल की गंगासागर में जाकर समाप्त होगी. इस कार्यक्रम का नाम है 'गंगा आमंत्रण'. इस कार्यक्रम का उद्देश्य है कि युवा गंगा को साफ करने में अपना योगदान दें.
यह यात्रा बंगाल के गंगासागर तक जाएगी
गंगा की लहरों के साथ राफ्टिंग करते हुए यह काफिला काशी तक पहुंचा. यह काफिला किसी खेल संबंधित नहीं था बल्कि आसमान में दुश्मन के छक्के छुड़ाने के दम रखने वालों का था. परवीर सिंह ने पिछले 15 दिन से यह यात्रा कर रहे हैं. यह यात्रा रुद्रप्रयाग से शुरू होकर गंगासागर तक जाएगी. यात्रा की दूरी लगभग 28,000 किलोमीटर है.
गंगा आमंत्रण के नाम से शुरू हुआ यह यात्रा परमवीर सिंह का कोई निजी यात्रा नहीं बल्कि समाज के अंतिम व्यक्ति को संदेश पहुंचाना है, जिसके जरिए मां गंगा साफ हो सकती हैं.
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राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के डायरेक्टर राजीव रंजन मिश्रा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि यह यात्रा देश के नए युवाओं के लिए हैं. हमने यह यात्रा का नाम गंगा आमंत्रण रखा है. इसका अर्थ है कि मां गंगा आज हम सब को बुला रही है. सब लोग आगे आएं और इस कार्य से जुड़ें. इस महान और पवित्र कार्य में अपना योगदान दें. लोगों को मां गंगा के प्रति जागरूक करने के लिए यह अभियान चलाया जा रहा है. 10 अक्टूबर को हम लोगों ने देवप्रयाग से इस यात्रा की शुरुआत की है जो कि गंगासागर तक जाएगा.
भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर परमवीर सिंह ने खास बातचीत में बताया कि यह यात्रा केंद्रीय मंत्रालय एक्सपीडिशन है. नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा को हम देवप्रयाग से गंगासागर तक ले जाएंगे. इस यात्रा में आर्मी, नेवी और एयर फोर्स के तीनों सदस्य के साथ एनडीआरएफ भी शामिल है. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टैक्सी कॉलेज रिसर्च की टीम भी इसमें शामिल है. वहीं डब्लूआईआई, वाइट लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सदस्यगण भी इसका हिस्सा हैं. हमने इस चीज को नोट किया कि पिछली बार से ज्यादा लोग इस बार जागरूक हुए हैं. वहीं लोग इसका भी ध्यान दे रहे कि मां गंगा पालिथीन से ज्यादा प्रदूषित है. इसके चलते लोग पालिथीन का कम प्रयोग कर रहे हैं और मां गंगा में भी पालिथीन कम मिल रही है.