वाराणसीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत को डिजिटल अभियान से जोड़ते जा रहे हैं. इसका सबसे बड़ा उदाहरण है UPI पेमेंट में बना रिकॉर्ड. आज लगभग 14 लाख करोड़ रुपये का लेनदेन भारत कर चुका है. ऐसे ही पीएम और वाराणसी से सांसद नरेंद्र मोदी ने वाराणसी को भी डिजिटल अभियान से जोड़ने का काम किया है. अब एक क्यूआर कोड पर ही कोई भी वाराणसी और यहां के मंदिरों का इतिहास जान सकेगा. जी-20 में काशी आने वाले मेहमान अब न सिर्फ काशी की खूबसूरती को देख सकेंगे, बल्कि उनके इतिहास की जानकारी भी ले सकेंगे.
बनारस घूमने के लिए नहीं पड़ेगी टूरिस्ट गाइड की जरूरत :
बड़ी बात यह होगी इसको जानने के लिए उन्हें किसी टूरिस्ट गाइड की जरूरत नहीं होगी. दरअसल, इसके लिए पर्यटन विभाग ने एक खास प्रोजेक्ट 'पावन पथ योजना' तैयार किया है. इससे अब वाराणसी आने वाले पर्यटकों को भी फायदा होने वाला है. विदेशी और घरेलू पर्यटक अब एक क्यूआर कोड से ही 312 प्रमुख मंदिरों के बारे में जान सकेंगे. 300 मंदिरों पर तो इसे लगाया जा चुका है, जबकि बाकी बचे मंदिरों पर लगाए जाने का काम जारी है.
क्यूआर कोड से जोड़े जाएंगे 500 देवालय :
उप निदेशक पर्यटन राजेंद्र कुमार रावत ने बताया कि नौ दुर्गा, नौ गौरी, भगवान शिव सहित अन्य देवस्थानों पर मंदिरों के बाहर क्यूआर कोड लगाए जा चुके हैं. करीब 500 देवालयों को क्यूआर कोड की योजना से जोड़ने का काम किया जा रहा है. 2017 से ही विभाग ने इस पर काम शुरू कर दिया था. रावत ने बताया कि 'पावन पथ योजना' के अन्तर्गत इस योजना की लागत करीब 25 करोड़ रुपये है.