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वाराणसी के इस मंदिर में वनवासियों ने दी तहरीर, कहा- हमारा हक मारने वालों को दंडित करें

बाबा विश्वनाथ के दर्शन (Darshan of Baba Vishwanath) के लिए आए वनवासी समाज (forest dwelling society) के लोगों ने मंगवार को कहा कि उनका हक मारा जा रहा है. 90 प्रतिशत सुविधाओं पर 10 प्रतिशत लोगों का कब्जा है. इसके बाद वनवासी समाज के लोग वाराणसी के इस मंदिर में पहुंच गए. यहां तहरीर दी और कहा...

वाराणसी
वाराणसी

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 1, 2023, 9:21 AM IST

वाराणसी : वैसे तो काशी में कमिश्नरेट सिस्टम लागू है. अलग-अलग 25 से ज्यादा थाने और चौकियां हैं, लेकिन बनारस में एक ऐसा मंदिर भी है, जहां पर भक्त अपने कष्ट हरने के लिए तहरीर लेकर पहुंचने लगे हैं. यह मंदिर है बाबा काल भैरव का. मंगलवार को वाराणसी में काशी के कोतवाल काल भैरव के दरबार में वनवासियों की तरफ से तहरीर दी गई है. वनवासी समाज के 1200 से ज्यादा लोगों की तरफ से रविवार को बाबा विश्वनाथ के दरबार में दर्शन पूजन किया गया था.

वाराणसी में वनवासी समाज के लोगों की पीड़ा.

काल भैरव मंदिर में दी गई तहरीर में क्या है :वनवासियों ने काल भैरव मंदिर में तहरीर देते हुए जनजातियों को मिलने वाली 90 प्रतिशत सुविधाओं पर महज 10% लोगों द्वारा कब्जा किए जाने की बात कही है. उनका कहना है कि ये 10% लोग हमारे ही समाज से आते हैं. ट्राइबल रिजर्वेशन का लाभ लेते हुए क्रिश्चियन बनाए जा रहे है. आरक्षण के साथ ही माइनॉरिटी का भी फायदा ले रहे हैं. जंगलों में निवास करने वालों को तो कोई लाभ नहीं मिला. वह बेरोजगार और वनवासी होने के बाद भी परेशानी से गुजर रहे हैं. ऐसे लोगों को काल भैरव बाबा अपनी दृष्टि से कड़ी कार्रवाई करते हुए दंडित करें. इन सभी वनवासियों ने बाबा के साथ ही मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र को भी तहरीर की कॉपी भेजी है.

अभी तक की दूसरी तहरीर: जनजाति सुरक्षा मंच के सदस्य दीपक गोंड का कहना है कि अभी तक काल भैरव मंदिर में पड़ने वाली दूसरी तहरीर है. इसके पहले 1983 में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में जब सोना चोरी हुआ था, उस समय बाबा काल भैरव मंदिर में चोरी का मुकदमा दर्ज कराया गया था. अब यह दूसरा मौका है जब काल भैरव के दरबार में कोई अर्जी डाली गई है. दीपक का कहना है कि तहरीर महंत नवनीत गिरि और सुनील उपाध्याय को सौंप गई है. उन्होंने तहरीर पर मोहर लगाकर कोतवाली थाने में भेजने की बात कही है. जिसके बाद एफआईआर दर्ज होगी.

विश्वनाथ मंदिर में भी डाली थी अर्जी : वनवासियों का कहना है कि यह तहरीर दो दिन पहले विश्वनाथ मंदिर में भी अर्जी के रूप में डाली गई थी. जनजाति सुरक्षा मंच उत्तर प्रदेश की ओर से इसके बाद मंदिर में अर्जी काल भैरव को अर्पित करते हुए पुजारी को सुपुर्द कर दी गई. समाज के लोगों का कहना है कि डेढ़ हजार वनवासी तीन दिन पहले श्री काशी विश्वनाथ मंदिर दर्शन करने आए थे. कुछ वनवासी यहीं पर ठहरे भी हैं. इसी दौरान बाबा के दरबार में एफआईआर दर्ज कराई गई है.

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