वाराणसी: देश की आध्यात्मिक राजधानी कही जाने वाली काशी अपने-आप में एक बड़ी सांस्कृतिक विरासत को संजोए हुए है. काशी के घाट, मंदिर और पवित्र गंगा की अविरल धारा देश ही नहीं विदेशियों को भी अनायस ही अपनी ओर आकर्षित करती है. तभी तो एक विदेशी प्रेमी युगल को काशी इतनी भा गई कि उसने यहीं पर शादी करने की जिद ठान ली.
विदेशी जोड़े ने हिंदू रीति-रिवाज से किया विवाह. भारतीय रीति-रिवाज से की शादी
विदेशी चमक-धमक से दूर रेयूनियां के लोद्रियां और फ्रांस की मारिन ने बनारस में आकर भारतीय सभ्यता और संस्कृति से जीवन भर के लिए एक-दूसरे का दामन थामा. 3 घंटे के वैवाहिक कार्यक्रम में हर रीति-रिवाज का पालन किया गया, जो एक भारतीय शादी में होती है. मसलन ताक पात, सिंदूर दान, फेरे और कन्यादान आदि जैसे मुख्य नियमों के अनुसार वैवाहिक कार्यक्रम सम्पन्न हुआ. ये विदेशी प्रेमी जोड़े भारतीय संस्कृति के अनुसार शादी के बंधन में बंधकर काफी खुश थे. आपको बता दें कि विदेशी जोड़े को 14 महीने का एक बेटा भी है
जिंदगी भर के लिए थामा एक-दूसरे का दामन. एक दूसरे को माला पहनाते दूल्हा-दुल्हन. भा गई थी काशी की सुन्दरता
वाराणसी के शिवाला इलाके में रेयूनियां के लोद्रियां और फ्रांस की मारिन ने एक दूसरे के साथ भारतीय परंपरा के अनुसार शादी की. लोद्रियां ने बताया कि 5 सालों से वे मारिन के साथ प्रेम संबंध में थे और लगभग 5 बार भारत आ चुके हैं, लेकिन काशी में घूमने आए तो यहां की सभ्यता संस्कृति और यहां का अंदाज काफी पसंद आया, तभी से दोनों ने काशी में विवाह करने की योजना बनाई थी.
वैदिक मंत्रोंचारण से संपन्न हुआ विवाह. रेयूनियां में होती है शिव और काली की पूजा
डॉ. अनिल चतुर्वेदी ने बताया लोद्रियां रेयूनियां के रहने वाले हैं, जहां काफी संख्या में भारतीय रहते हैं और वहां काली पूजा के साथ शिव पूजा भी की जाती है. ये सारी खूबियां देखने के बाद जब वो भारत आए तो यहां की संस्कृति ने उनका मन मोह लिया. खासकर काशी में आकर वो काफी प्रभावित हुए और फिर यहीं पर शादी करने की ठानी.
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