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BHU में विदेशी छात्र भी सीखेंगे भूत विद्या, 3 छात्रों ने किया आवेदन - वाराणसी खबर

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के आयुर्वेद विभाग में विदेशी छात्र भी भूत विद्या की पढ़ाई करेंगे. विदेशी छात्रों ने इसके लिए आवेदन करना भी कर शुरू कर दिया है. इस कोर्स में कुल पांच सीटें हैं जिनमें नौ छात्रों ने आवेदन किया है. जिसमें से तीन विदेशी छात्र शामिल हैं. बीएचयू के आयुर्वेदिक विभाग में शुरू हुए भूत विद्या कोर्स के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 30 जून थी.

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विदेशी छात्र भी सीखेंगे भूत विद्या

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Published : Jul 3, 2020, 3:04 PM IST

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के आयुर्वेद विभाग में विदेशी छात्र भी भूत विद्या की पढ़ाई करेंगे. इसके आवेदन की अंतिम तिथि पूरी होने के बाद अब जल्द ही दाखिले का कार्य शुरू किया जाएगा. विदेशों में भूत को लेकर अंधविश्वास माना जाता है लेकिन विदेशी छात्रों ने भी से इस कोर्स के लिए दिलचस्पी दिखाई है.

50 हजार रुपये है कोर्स की फीस
बीएचयू के आयुर्वेद विभाग में भूत विद्या के लिए 6 महीने के सर्टिफिकेट कोर्स में कुल 5 सीट हैं. इसकी 6 महीने की फीस पचास हजार रुपये है. जिसमें 9 छात्रों ने आवेदन किया है, जिसमें 3 छात्र विदेशी हैं. 6 महीने के कोर्स में माइक्रो सोमेटिक डिसऑर्डर के बारे में खास तौर पर पढ़ाया जाएगा. इसे कई बार असामान्य घटनाओं से जोड़कर भी देखा जाता है.

आम छात्रों के लिए नहीं यह कोर्स
बीएचयू के आयुर्वेद विभाग सर्टिफिकेट कोर्स के रूप में यह विद्या केवल मेडिकल छात्रों के लिए है. चाहे वह मॉडर्न मेडिकल हो या आयुर्वेदिक डिपार्टमेंट यह चिकित्सा हैं. यह एक प्रकार की चिकित्सा है. आयुर्वेद में अष्टांग आयुर्वेद का वर्णन है. पूरे देश में स्वतंत्रता के बाद 5 अंगों का विकास किया गया जिसमें 16 विभाग भी बना दिए गए. इस बार छात्रों को भूत विद्या विज्ञान, रसायन व वाजीकरण में सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किए गए हैं. यह सब अष्टांग आयुर्वेद की परिकल्पना पूरी कर रहे हैं. बीएचयू के आयुर्वेदिक विभाग में शुरू हुई भूत विद्या के आवेदन की अंतिम तिथि 30 जून थी.

भूत वाली पढ़ाई नहीं
प्रोफेसर यामिनी भूषण त्रिपाठी ने बताया जैसा कि आप जानते हैं कि पहली बार भारत में भूत विद्या अनुभाग की स्थापना बीएचयू में की गयी. अष्टांग आयुर्वेद के आठ अंग होते हैं. जिसमें यह एक प्रमुख अंग है. भूत विद्या, रसायन विद्या, वाजीकरण इनका कोई विभाग नहीं है. इनका अलग से कोई पेपर नहीं है. बीएमएस के कोर्स में हमारे केंद्रीय भारतीय चिकित्सा परिषद ने तीन यूनिट्स बनाए. तीनों में 3 कोर्स शुरू किए हैं. यह तीनों कोर्स 6 महीने के हैं.

भूत विद्या में बहुत ही ज्यादा लोगों ने रुचि ली. भूत विद्या में करीब 9 छात्रों ने आवेदन किया है. 5 सीट हैं. आवेदन करने वालों में विदेशी छात्र भी हैं. खुशी की बात यह है कि जनवरी-फरवरी में बीएचयू ने जब घोषणा की थी, तब से लोग लगातार वेबसाइट पर इसे फॉलो कर रहे थे. पहले तो एक भ्रांति फैली की है भूत का ज्ञान है. लेकिन जब भ्रांति दूर की गयी कि यह भूत की पढ़ाई नहीं है. लोगों को पता चला कि यह मेडिकल का एक अंग है, जिसमें हम लोग साइको सोमेटिक डिसऑर्डर( मनो दैहिक विकास) कहते हैं. यह चिकित्सा का प्रारूप हमारे यहां पुराना है जिसका इस्तेमाल देश में नहीं हो रही है. इसे यहां से शुरू किया जाएगा.

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