वाराणसी:2022 विदा होने वाला है 2023 आने में अब सिर्फ कुछ ही घंटे बचे हैं. इसे लेकर हर तैयारियां चल रही है लेकिन 2023 का नया साल अलग अलग दृष्टि से कैसे रहने वाला है, क्या गतिविधियां है जो देश और विश्व में इस साल चीजों पर प्रभाव डाल सकती है. राजनैतिक सामाजिक प्राकृतिक और आर्थिक दृष्टि से यह साल कैसा होगा. इन्हीं बातों पर ईटीवी भारत ने ज्योतिषाचार्य आचार्य दैवज्ञ कृष्ण शास्त्री ने खास बातचीत की.
वाराणसी में आचार्य दैवज्ञ कृष्ण शास्त्री (Acharya Daivagya Krishna Shastri in Varanasi) ने बताया कि इस वर्ष पर संपूर्ण प्रभाव केतु का होगा. कुंडली में लग्नेश बुध अष्टम भाव में राहु के साथ उपस्थित हैं. इस हिसाब से विश्व शांति हेतु यह वर्ष अच्छा नहीं है. साथ साथ में राहु दूसरे भाव को देख रहा है. इसलिए भारत के पड़ोसी देश जैसे पाकिस्तान चीन आदि देश से संबंध अच्छे नहीं रहेंगे विश्व में हिंसा होने की आशंका है. आतंकी घटनाओं में इजाफा देखने को मिलेगा. विश्व में व्यापारिक दृष्टि से मंदी तो रहेगी आम लोगों के खर्च पर नियंत्रण करना होगा स्वास्थ्य पर ध्यान देना होगा. (2023 Yearly Horoscope Predictions)
ज्योतिषाचार्य आचार्य दैवज्ञ कृष्ण शास्त्री ने कहा किसी संक्रमित बीमारी के होने की पुनः प्रबल संभावना है. साथ साथ में केतु आध्यात्मिकता का संचार होते हुए संक्रमण को बढ़ावा देता है. अतः कोरोना दोबारा वापस आ सकता है या उसी तरह कोई दूसरी बीमारी पूरे विश्व में फैल सकती है. वार्षिक राशिफल 2023 के अनुसार भारतवर्ष में एवं संपूर्ण विश्व में सांस संबंधी, हदय रोग संबंधी जैसे हार्टअटैक इत्यादि एवं पेट संबंधी रोगों में इजाफा होगा.
2023 Yearly Horoscope Predictions, राहु के कारण बढ़ेगा वायरस का प्रभाव, विश्व में युद्ध पर लगेगा विराम
Forecast 2023: वाराणसी में आचार्य दैवज्ञ कृष्ण शास्त्री मानना है कि इस वर्ष 2023 पर केतु का प्रभाव सबसे अधिक होगा. इस लिए विश्व शांति के लिहाज से ये वर्ष ज्यादा अच्छा नहीं रहेगा. वार्षिक राशिफल 2023 के अनुसार व्यापार में मंदी की भी संभावना है. (2023 Yearly Horoscope Predictions)
हिंसा में वृद्धि होगी: विश्व के प्रभावशाली देशो के द्वारा अन्य देशो के निर्णय आन्तरिक राजनीति तथा अर्थनीति में हस्तक्षेप होगा. गुरु अपने राशि पर स्थित है, राहु केतु 13 जनवरी 2023 में बदल जाएगा, जिसके कारण विश्व युद्ध शांत होने के प्रबल योग है. किंतु भारतवर्ष को कोई भी नुकसान नहीं होगा. पश्चिम यूरोप, तथा षड़यन्त्र पश्चिम अरब का क्षेत्र आतंकी गतिविधियो तथा युद्ध से ग्रसित रहेगा. किसी का प्रमुख यवन शाशित राष्ट्र में राजनैतिक षड़यंत्र द्वारा सत्ता परिवर्तन तथा गृहयुद्ध संबधी भय का वातावरण होगा.
गृह युद्ध के प्रबल योग: स्त्रियों तथा बच्चो के प्रति अपराध तेजी होगी , तथा शोषण की घटनायें होगी. विश्व में शिक्षा प्रणाली में सुधार बौद्धिक प्रगति हेतु विचार विमर्श तथा श्रमिक कल्याण तथा जलसंर्वद्धन पदा तथा संरक्षण के प्रयास होगें. भारत के किसी प्रतिष्ठित नेता राजनीति सेवा में जुड़े बहुत ही प्रतिष्ठित किसी बड़े राजनेता के मृत्यु की संभावना है. बुद्धजीवी वर्ग, कला क्षेत्र से जुड़े प्रमुख व्यक्तीयो हेतु वर्ष कष्टकारी है.
प्रकाशकों और पत्रकारों को कष्ट होगा:किसी विशिष्ट व्यक्ति जैसे कथावाचक एवं धर्माचार्य की प्रतिष्ठा दांव पर लग सकती है.वातावरण में उष्णता होगी. किसी मनोरंजन स्थल पर जनक्षति संभव है. किसी ज्वरादि रोग का प्रकोप होगा. शेयरो में अस्थिरता रहेगी. क्रूड़ के मूल्यो तथा संभव है. स्वर्ण में अल्प वृद्धि पश्चात अधिकांशतः स्थिरता रहेगी. वस्तुओ और तथा सेवाओ की उपलब्धता तथा उत्तरार्द्ध में मूल्यो में स्थिरता व कमी होगी.
पर्वतीय क्षेत्रो में पर्वत विखण्डन तथा भूस्खलन की संभावना: देश के पश्चिम तथा उत्तरपूर्वी राज्यो में कानून व्यवस्था की स्थिति बाये शोचनीय रहेगी. पश्चिमोत्तर भाग में आतंकी व विघटनकारी शक्तियां तेजी सेत् प्रभावी होगी. दक्षिण में सत्ता परिवर्तन संभव है. सरकार द्वारा पारित किसी से में विशेष कानून प्रस्ताव को लेकर विपक्ष का असहयोग तथा आन्दोलन होगा. देश में पूंजी निर्माण के प्रयास होगे. घरेलू गृह उद्योगो में वृद्धि, सरकार द्वारा श्रमिको तथा कृषक वर्ग हेतु प्रबल कल्याणकारी नीतियां बनेगों तथा करों तथा वस्तुओ के मूल्यों में संघट समायोजन होगा. क्रीड़ा के क्षेत्र में यश प्राप्ति होगी. किसी प्रसिद्ध कलाकार गति का वियोग तथा प्रकाशन संस्थाओं को कष्ट व क्षति होगी. सुरक्षा कर्मियों में असंतोष होगा. शिक्षण संस्थानो में अराजकता तथा हिंसात्मक कार्यवाही परि होगी. पर्वतीय क्षेत्रो में पर्वत विखण्डन तथा भूस्खलन से क्षति संभव है.
आर्द्राप्रवेशाङ्ग के विचार से वर्षा उत्तम है. चक्रवात व जलीय आपदा में तथा तड़ित का प्रकोप से जनक्षति होगी. मध्य तथा पश्चिमोत्तर भाग बाढ़ की परेशानियां हो सकती है, विभिषिका होगी. उत्तर तथा दक्षिण के तटवर्ती क्षेत्र कुछ भागो को छोड़कर अत्य की अन्यत्र वर्षा का अभाव अथवा अल्प वर्षा होगी. पूर्वी तथा मध्य भाग में बनेग में वर्षा उत्तम है. शारदधान्योत्तपत्ति के विचार से उत्पादन संन्तोषप्रद रहेगा. उत्तर में फसलो को क्षति होगी तथा पश्चिम में उत्पादन में कमी होगी. रहेगी को मैष्मिकधान्योत्तपत्ति के विचार से ग्रीष्म फसल को क्षति होगी. पूर्व में मध्य फसलो को चक्रवात से हानि. पश्चिम में उत्पादन कम होगा. वार्षिक भविष्यफल 2023 (Forecast 2023) के अनुसार दक्षिण भाग में उत्पादन सन्तोषप्रद होगा.
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