उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

नया कृषि कानून किसानों के लिए फायदेमंद- प्रोफेसर पंजाब सिंह - फॉर्ड फाउंडेशन

यूपी के वाराणसी में फॉर्ड फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रोफेसर पंजाब सिंह ने किसान संगोष्ठी को ऑनलाइन संबोधित किया. फॉर्ड फाउंडेशन के ट्रस्टी एवं काशी हिंदू विश्वविद्यालय के जनसम्पर्क अधिकारी प्रोफेसर राजेश सिंह ने किसानों को परंपरागत खेती करने के साथ ही इस परियोजना के माध्यम से नई तकनीक को अपनाने पर जोर दिया.

निरीक्षण.
निरीक्षण.

By

Published : Dec 19, 2020, 1:21 PM IST

वाराणसी: फॉर्ड फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रोफेसर पंजाब सिंह ने बंगालीपुर गांव में आयोजित किसान संगोष्ठी को संबोधित किया. इस अवसर पर उन्होंने किसानों को खेती के गुर सिखाए. सरकार के जैव प्रोद्योगिकी विभाग द्वारा वित्तपोषित एवं फॉर्ड फाउंडेशन और आई.सी.ए.आर. और आई.आई.वी.आर. की ओर से संचालित बायोटेक-किसान परियोजना के लिए चार जिलों के चयन किया गया है. जिनमें से वाराणसी के भिखारीपुर, बंगालीपुर, जयापुर, जोगापुर आदि गांव शामिल हैं. इस दौरान भारतीय कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग के पूर्व सचिव, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के पूर्व महानिदेशक, काशी हिंदू विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एवं फॉर्ड फाउंडेशन अध्यक्ष प्रोफेसर पंजाब सिंह के निर्देश पर फाउंडेशन के सदस्यों ने जमीनी स्तर पर निरीक्षण किया.

टीम ने सर्वप्रथम भिखारीपुर एवं बंगालीपुर गांव का निरीक्षण किया. इस अवसर पर फॉर्ड फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रोफेसर पंजाब सिंह ने बंगालीपुर गांव में आयोजित किसान संगोष्ठी को ऑनलाइन सम्बोधित किया. उन्होंने कहा कि किसानों को अधिक से अधिक लाभ दिलाना ही हमारा मुख्य उद्देश्य है. फाउंडेशन किसानों को नई तकनीक और बीज वितरित कर रहा है. उस बीज और तकनीक को और किसानों में वितरित करने की जरुरत है. उन्होंने कहा कि किसानों को खेती के जरिये अधिक से अधिक रोजगार देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. इसके लिए तीन नए कानून भी लाए गए हैं, जो किसानों के लिए लाभदायक हैं. सरकार का प्रयास है कि इस कानून के जरिए किसानों को उनकी उपज का अच्छा लाभ मिल सके.

इस दौरान एक महिला किसान ने जानवरों द्वारा फसलों को बर्बाद किए जाने की शिकायत की. इस बारे में प्रोफेसर शिवराज सिंह ने कहा कि आज किसानों के लिए यह एक बहुत बड़ी समस्या है. यह सरकार के संज्ञान में है. जल्द ही इसका कोई न कोई हल निकाल लिया जायेगा. उन्होंने कहा कि आज किसानों में जागरूकता की काफी कमी है. किसान कैसे जागरूक हों, इसके लिए हम पूरा प्रयास कर रहे हैं, ताकि वह नयी तकनीक और योजनाओं से परिचित हो सकें.

बीएचयू कृषि विज्ञान संस्थान के पूर्व डीन प्रोफेसर आर एम सिंह ने कहा कि इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य नई नई तकनीक एवं प्रजातियां किसानों को उपलब्ध कराना है, ताकि अधिक से अधिक उत्पादन हो सके. भारतीय सब्जी अनुसंधान केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. नीरज सिंह ने कहा कि आज गांवों में सबसे बड़ी समस्या पोषण एवं किसानों के उत्पादों का सही कीमत का न मिलना है. इसकी मुख्य वजह खाद्य पदार्थों का एक निश्चित मात्रा में उपयोग नहीं करना एवं बाजार का न मिलना है. इसी समस्या का समाधान करने के लिए फाउंडेशन एवं सरकार प्रयासरत है.

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं बॉयोटेक किसान परियोजना के सह अन्वेषक डॉ. संतोष कुमार सिंह ने कहा कि सभी आकांक्षी जिलों में वैज्ञानिक जाकर किसानों को जागरूक करते हैं, ताकि वह नयी तकनीक एवं उन्नतशील विचारों के जरिए किसानों को खेती में उनकी लागत का अच्छा मूल्य मिल सके. उन्होंने कृषक उत्पादक संगठनों (एफ.पी.ओ.) द्वारा किसानों का क्लस्टर बनाकर कृषि उत्पाद के निर्यात को बढ़ावा देने की बात कही. फॉर्ड फाउंडेशन के ट्रस्टी एवं काशी हिंदू विश्वविद्यालय के जनसम्पर्क अधिकारी प्रोफेसर राजेश सिंह ने किसानों को परंपरागत खेती करने के साथ ही इस परियोजना के माध्यम से नई तकनीक को अपनाने पर जोर दिया.

ABOUT THE AUTHOR

...view details