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खिड़किया घाट पर बना यूपी का पहला फ्लोटिंग स्टेशन, जलीय जंतुओं संग नावों के लिए साबित होगा वरदान

बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में अब पानी में तैरने वाले सीएनजी पंप (फ्लोटिंग स्टेशन) का शुभारंभ हो चुका है. यह पंप नदी में चलने वाली नांव को सीएनजी उपलब्ध करवाएगी. यह फ्लोटिंग स्टेशन खिड़किया घाट पर बनाया गया है.

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Published : Dec 17, 2021, 12:48 PM IST

खिड़किया घाट फ्लोटिंग स्टेशन.
खिड़किया घाट फ्लोटिंग स्टेशन.

वाराणसीःखिड़कियां घाट को एक बड़ा टुरिस्ट स्पॉट बनाया जा रहा है. जिसके तहत यहां पर सीएनजी नावों के लिए फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन बनाया गया है. जो बेहद आकर्षक हैं. इसकी खास बात यह है कि यह गंगा की गोद में नावों को सीएनजी उपलब्ध कराएगा. जानें क्या हैं यह फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन और क्या है, इसकी खासियत.

जानें क्या हैं फ्लोटिंग स्टेशन

वाराणसी के क्योटो के तर्ज पर विकसित करने का पीएम मोदी का सपना पूरा होता हुआ नजर आ रहा है. क्योंकि जिस तरीके से हर दिन काशी में एक नया विकास का आयाम जुड़ रहा है. निश्चित तौर पर काशी परंपरा के साथ आधुनिक काशी बनती जा रही है. जिसका ताजा उदाहरण वाराणसी के खिड़कियां घाट पर सीएनजी स्टेशन के रूप में दिख रहा है. बता दें कि फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन का मतलब है कि पानी में तैरता हुआ सीएनजी स्टेशन.

खिड़किया घाट.

इस बाबत वरिष्ठ पत्रकार रत्नेश राय बताते हैं कि यह यूपी का पहला सीएनजी गैस स्टेशन है जो पानी में बनाया गया है. इसकी खासियत यह है कि बाढ़ के समय में ये क्षतिग्रस्त नहीं होगा, बल्कि गंगा की लहरों के साथ यह ऊपर बढ़ता चला जाएगा और नावों को गैस मुहैया कराएगा.

आगे और विकसित होंगी सुविधाएं

उन्होंने बताया कि आगे चलकर सरकार की योजना है कि गंगा में रविदास घाट के पास एक अन्य सीएनजी स्टेशन बनाया जाए जो गंगा के बीच में अपनी सुविधाएं दे सके. क्योंकि यदि नावों की सीएनजी गंगा के मध्य या आसपास कहीं क्षेत्र में खत्म हो गई तो नाविकों को समस्याएं होंगी, परंतु यह नए फ्लोटिंग स्टेशन से यह समस्या दूर हो जाएगी और जहां कहीं भी नाव की सीएनजी समाप्त होगी कि वहां जाकर के नांव में सीएनजी फिल करेगा. वर्तमान में इससे सीएनजी स्टेशन से 10 से ज्यादा नावें फिल की जा रही है, आने वाले दिनों में 28 नावों में एक साथ सीएनजी भरा जा सकेगा.

सीएनजी पंप.

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प्रदूषण पर लगेगी रोक, पर्यायवरण रहेगा सुरक्षित

उन्होंने बताया कि इस स्टेशन की दूसरी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इससे गंगा के अंदर रहने वाले जलीय जीव-जंतुओं को काफी लाभ मिलेगा. क्योंकि डीजल-पेट्रोल से संचालित नावों की आवाज में व उससे निकलने वाले पेट्रोल-डीजल के अंश जलीय जीव जंतुओं के साथ-साथ गंगा के लिए काफी नुकसानदायक है. लेकिन सीएनजी होने के कारण सबसे बड़ा फायदा पर्यावरण को मिलेगा, इससे निश्चित तौर पर गंगा प्रदूषण मुक्त रहेंगी और आसपास का पर्यावरण सजीव रहेगा.

आईआईटी कानपुर ने किया है तैयार

बता दें कि यह खास सीएनजी पंप आईआईटी कानपुर की एक प्राइवेट कंपनी ने तैयार किया है. जिसमें सेल्फ एडजस्टिंग टाइप जेटी का इस्तेमाल किया गया है. यह तकनीक काफी एडवांस है, और सीएनजी डिस्पेंसर के लिए पाइप लाइन कनेक्शन ऐसे डिजाइन से तैयार किया गया है कि जो बाढ़ में भी सुरक्षित रहेगी.

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