उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

वाराणसी में नेताजी सुभाष चंद्र बोस का पहला मंदिर, दलित बच्ची बनी पहली पुजारी

वाराणसी में नेता जी सुभाष चंद्र बोस का पहला मंदिर स्थापित किया गया है. इस मंदिर में दलित पुजारी पूजा-पाठ करेंगी. मंदिर के अंदर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आदमकद प्रतिमा लगाई गई है.

etv bharat
वाराणसी में नेताजी सुभाष चंद्र बोस का स्थापित हुआ पहला मंदिर.

By

Published : Jan 23, 2020, 2:40 PM IST

Updated : Jan 23, 2020, 3:14 PM IST

वाराणसी: गुरूवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 123वीं जयंती देश मना रहा है और इस जयंती के मौके पर धर्म नगरी वाराणसी में एक अनूठा और पहला मंदिर तैयार हुआ है, जहां पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आदमकद प्रतिमा लगाई गई है. इस मंदिर में जहां एक तरफ सभी धर्म और सभी जाति के लोगों का स्वागत है. वहीं दूसरी तरफ जातिगत प्रथाओं को तोड़ने वाले नेता जी की बातों से प्रेरित होकर इस मंदिर की पहली पुजारी भी दलित बच्ची को नियुक्त किया गया है, जो अपने आप में यह संदेश देने के लिए काफी है कि पूजा पाठ के लिए किसी धर्म विशेष या जाति विशेष का होना अब जरूरी नहीं है.

वाराणसी में नेताजी सुभाष चंद्र बोस का पहला मंदिर.

नेता जी का बनाया गया मंदिर

वाराणसी में कई सामाजिक कार्य करने वाली संस्था विशाल भारत संस्थान की तरफ से नेता जी के मंदिर को स्थापित करने का यह अनूठा प्रयास किया गया है. बीएचयू में प्रोफेसर राजीव श्रीवास्तव इसके संस्थापक हैं और उन्होंने इस अनूठे प्रयास की रूपरेखा अपने नए घर के बाहर ही तैयार की है. इस घर का नाम भी उन्होंने सुभाष भवन दिया है.

नेताजी की 123वीं जयंती के मौके पर उनकी तरफ से तैयार किए गए इस भव्य मंदिर में स्थापित नेताजी की प्रतिमा का अनावरण संघ विचारक इंद्रेश कुमार ने किया. इतना ही नहीं पातालपुरी मठ के महंत बाबा बालक दास भी मौजूद थे, जिनके निर्देशों के बाद इस मंदिर में दलित बच्ची खुशी की नियुक्ति बतौर पुजारी की गई है.

मंदिर सभी धर्म सभी जातियों के लिए खुला रहेगा

सबसे खास बात यह है कि सुबह 7:00 बजे मंदिर के पट खुलेंगे और भारत माता की जय के नारों के साथ यहां पूजा पाठ शुरू होगी. अन्य मंदिरों की तरह यहां पूजा-पाठ होगी और शाम 7:00 बजे नेताजी सुभाष चंद्र बोस के आजाद हिंद फौज के गीत के साथ इस मंदिर के पट बंद होंगे. मंदिर सभी धर्म सभी जातियों के लिए खुला है, जो जिस तरह से अपने हिसाब से पूजा करना चाहे वह यहां पर कर सकता है.

इसे भी पढ़ें:-आगरा में CAA के समर्थन में जेपी नड्डा और योगी भरेंगे हुंकार

इस मंदिर को स्थापित करने का उद्देश्य भारत में देशभक्तों की संख्या को बढ़ाकर लोगों के अंदर देशभक्ति का जज्बा पैदा करना है, जिस तरह से नेता जी ने आजादी से लेकर भारत को सजाने संवारने के लिए प्रयास किए. उसके लिए उनका यह मंदिर बनाया जाना अति आवश्यक था.
डॉ. राजीव श्रीवास्तव, संस्थापक, सुभाष मंदिर

यहां पर गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष अनुष्ठान की व्यवस्था की गई है, क्योंकि उद्देश्य सिर्फ इतना है उनके पेट में पल रहा बच्चा देशभक्त बने. इसलिए यहां पर आने वाली गर्भवती महिलाओं को विशेष पूजन करवाकर उनके पेट में पल रहे बच्चे को आशीर्वाद दिया जाएगा.
खुशी,मंदिर की पहली पुजारी

Last Updated : Jan 23, 2020, 3:14 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details