वाराणसी: गुरूवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 123वीं जयंती देश मना रहा है और इस जयंती के मौके पर धर्म नगरी वाराणसी में एक अनूठा और पहला मंदिर तैयार हुआ है, जहां पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आदमकद प्रतिमा लगाई गई है. इस मंदिर में जहां एक तरफ सभी धर्म और सभी जाति के लोगों का स्वागत है. वहीं दूसरी तरफ जातिगत प्रथाओं को तोड़ने वाले नेता जी की बातों से प्रेरित होकर इस मंदिर की पहली पुजारी भी दलित बच्ची को नियुक्त किया गया है, जो अपने आप में यह संदेश देने के लिए काफी है कि पूजा पाठ के लिए किसी धर्म विशेष या जाति विशेष का होना अब जरूरी नहीं है.
नेता जी का बनाया गया मंदिर
वाराणसी में कई सामाजिक कार्य करने वाली संस्था विशाल भारत संस्थान की तरफ से नेता जी के मंदिर को स्थापित करने का यह अनूठा प्रयास किया गया है. बीएचयू में प्रोफेसर राजीव श्रीवास्तव इसके संस्थापक हैं और उन्होंने इस अनूठे प्रयास की रूपरेखा अपने नए घर के बाहर ही तैयार की है. इस घर का नाम भी उन्होंने सुभाष भवन दिया है.
नेताजी की 123वीं जयंती के मौके पर उनकी तरफ से तैयार किए गए इस भव्य मंदिर में स्थापित नेताजी की प्रतिमा का अनावरण संघ विचारक इंद्रेश कुमार ने किया. इतना ही नहीं पातालपुरी मठ के महंत बाबा बालक दास भी मौजूद थे, जिनके निर्देशों के बाद इस मंदिर में दलित बच्ची खुशी की नियुक्ति बतौर पुजारी की गई है.