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जी-20 सम्मेलन का पहला दौर 17 अप्रैल से, आधुनिक कृषि और तकनीकी विषयों पर 3 दिन होगा मंथन

बनारस में 17 अप्रैल से शुरू हो रहा है जी-20 सम्मेलन का पहला दौर. कृषि पर आधारित तकनीकी विषयों और आधुनिक कृषि को लेकर जी-20 देशों के एक्सपर्ट करेंगे 3 दिनों तक गहन मंथन.

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Published : Apr 16, 2023, 10:03 PM IST

वाराणसी: जी-20 की मेजबानी करने वाला भारत देश के अलग-अलग हिस्सों में जी-20 की बैठक आयोजित कर रहा है. इस क्रम में वाराणसी में भी 17,18, 19 अप्रैल को जी-20 की महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है. जिसके लिए शनिवार और रविवार 2 दिनों से लगातार कई देशों के लगभग 80 प्रतिनिधि बनारस पहुंच चुके हैं. इन सभी को वाराणसी के पांच सितारा होटल में रुकवाया गया है. 17 अप्रैल से इस बैठक की शुरुआत होने वाली है, जिसे लेकर तैयारियां पूरी हैं.

सूचना पत्र कार्यालय की तरफ से जारी किया गया प्रेस नोट में कहा गया है कि कृषि शोध एवं शिक्षा विभाग (डेयर, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा जी-20 के कृषि प्रमुख वैज्ञानिक (एमएसीएस) की बैठक 17-19 अप्रैल, 2023 तक वाराणसी में आयोजित की जा रही है. जिसमें जी-20 देशों के 80 प्रतिनिधियों जैसे आस्ट्रेलिया, अर्जेनिटिना, ब्रजिल कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, इटली, जापान मेक्सिको, रिपबल्कि ऑफ कोरिया, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूनाईटेड किंगडम, यूएसए एवं यूरोपियन यूनियन भाग ले रहे हैं.

इसमें विशेष आमंत्रित देश में बांग्लादेश, मिश्र, मोरिसस, नीदरलैंड, नाईजिरिया ओमान, सिंगापुर, स्पेन, यूएई, वियतनाम के अलावा अन्तरराष्ट्रीय संगठनों जैसे संयुक्त राष्ट्र संघ, अन्तरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक, विश्व स्वास्थ्य संगठन, विश्व व्यापार संगठन, अन्तर्राष्ट्रीय श्रम संगठन, एफएसबी, ओईसीडी, क्षेत्रिय संगठन के अध्यक्ष, एयू, एयूडी नेपाल, आसियान एवं भारत द्वारा विशेष रूप से आमंत्रित अन्तराष्ट्रीय सोलर एलायंस, सीएडी एवं एशियन डवलपमेंट बैंक भाग ले रहे हैं.

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, विदेश मंत्रालय एवं अन्य मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी गण इस बैठक में भाग ले रहे हैं. इस बैठक में विभिन्न मुद्दों जैसे कृषि शोध एवं विकास, खाद्य एवं पोषण सुरक्षा, जलवायु अनुकूल कृषि, डिजिटल कृषि, सरकारी निजी सहभागिता से सम्बंधित विषयों पर विचार विमर्श किया जाएगा. भारत की अध्यक्षता में मिलेट्स एवं आदर्श एनसिएंट ग्रेन इंटरनेशनल रिसर्च इनिस्एटिव (महर्षि) पर भी चर्चा होगी. इस बैठक में महर्षि के उद्देश्यों एवं अनुसंधानों द्वारा विश्व में स्वास्थ्य जागरूकता के माध्यम से अन्तरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष 2023 की महत्ता को बताना है.

एमएसीएस की थीम टिकाऊ कृषि एवं खाद्य व्यवस्था के द्वारा मानव स्वास्थ्य एवं स्वस्थ धरा" पर आधारित है. सेवानिवृत्त जनरल वीके सिंह, सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग तथा नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री, भारत सरकार उदघाटन सत्र को उदबोधित करेंगे. उसके बाद तकनीकी सत्र में विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों, एमएसीएस के सदस्यों द्वारा सरकारी निजी सहभागिता पर चर्चा की जाएगी. दूसरे दिन 18 अप्रैल को एमएसीएस के कम्यूनिक के बारे में विशेष चर्चा होगी. जो इसके मुख्य विषय "एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य" जो विश्व में आपसी सदभाव एवं सभी के उज्जवल भविष्य की कामना करता है.

अतिथियो को 17 अप्रैल, 2023 को गंगा आरती, क्रूज भ्रमण तथा ताज गंगेज में रात्रि भोजन का आयोजन किया जाएगा. दूसरे दिन सारनाथ में एएसआई म्यूजियम एवं बुद्धा स्तूप का भ्रमण किया जाएगा. इसके आलावा सांस्कृतिक कार्यक्रमों एवं डिनर का भी आयोजन किया जाएगा. तीसरे दिन 19 अप्रैल, 2023 प्रतिनिधियों को ट्रेड फेसिलिटेशन सेंटर का भ्रमण कराया जाएगा. जहां वस्त्र उद्योग की प्रदर्शनी एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद एवं कृषि विभाग उत्तर प्रदेश करकार के द्वारा लगाई गई प्रदर्शनियों का भी भ्रमण काराया जाएगा. 20 अप्रैल, 2023 को कार्यक्रम के समापन के बाद अतिथि गण अपने देश प्रस्थान करेंगे.

वाराणसी में अपनी 100वीं जी 20 बैठक प्रमुख कृषि वैज्ञानिकों (एमएसीएस) की अध्यक्षता में होगी. गोवा में दूसरी हेल्थ वर्किंग ग्रुप, हैदराबाद में दूसरा डिजिटल इकोनॉमी वर्किंग ग्रुप तथा शिलांग में स्पेस इकोनॉमी लीडर्स प्रीकर्सर मीटिंग भी आयोजित की जा रही है.जी 20 समूह में 19 देश (अर्जेटीना, ऑस्ट्रेलिया, बजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, पूनाइटेड किंगडम तथा संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं.

विदित है कि जी-20 सदस्य देश वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद के लगभग 85% वैश्विक व्यापार के 75% से अधिक और विश्व जनसंख्या के लगभग दो-तिहाई हिस्से का प्रतिनिधित्व करते हैं.भारत की जी 20 अध्यक्षता के रूप में भागीदारी अब तक की सबसे बड़ी भागीदारी है. अब तक, 110 से अधिक राष्ट्रीयताओं के 12,300 से अधिक प्रतिनिधियों ने जी 20 से संबंधित बैठकों में भाग लिया है. जिसमें जी 20 सदस्यों के साथ-साथ 9 आमंत्रित देशों और 14 अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की भागीदारी भी शामिल है.

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