वाराणसी में प्रधानमंत्री के नाम पर बनाया ट्रस्ट, कर रहे थे लाखों का फर्जीवाड़ा
वाराणसी के कैंट थाना पुलिस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से फर्जी ट्रस्ट बनाकर लाखों की धोखाधड़ी मामले का खुलासा किया है. इस मामले में पुलिस ने 10 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है. पुलिस ट्रस्ट के अध्यक्ष सहित तीन लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है.
वाराणसी: जिले मेंप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से जन कल्याण ट्रस्ट बनाकर फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है. पुलिस ने इस फर्जी ट्रस्ट का भण्डाफोड़ किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी जन कल्याणकारी ट्रस्ट बनाकर फर्जीवाड़ा किया जा रहा था. इस मामले में वाराणसी के कैंट थाने में 10 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है. पुलिस ट्रस्ट के अध्यक्ष सहित तीन लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है. इस सम्बन्ध में उपनिबंधक सदर द्वितीय हरीश चतुर्वेदी ने तहरीर दी है.
जुलाई में बनाया फर्जी ट्रस्ट
इस बारे में पुलिस का कहना है कि उपनिबंधक सदर द्वितीय हरीश चतुर्वेदी की तहरीर के अनुसार, दुर्गाकुंड के कबीरनगर क्षेत्र निवासी अजय पांडेय ने 14 जुलाई 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से फर्जी ट्रस्ट पंजीकृत कराया था. इसका खुलासा तब हुआ जब उपनिबंधक कार्यालय ने ट्रस्ट से सम्बन्धित कागजातों की जांच की. इस ट्रस्ट में 10 लोग ट्रस्टी थे, जो प्रधानमंत्री के नाम पर ठगी कर रहे थे.
कई लोग हैं शामिल
उपनिबंधक सदर द्वितीय हरीश चतुर्वेदी की तहरीर पर सभी के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज कराया गया है. इस मुकदमे में ट्रस्ट के अजय पांडेय के अलावा वाराणसी के प्रदीप कुमार सिंह, नवलपुर बसही का सोनू कुमार गुप्ता, महागांव गरथमा का विकास मिश्रा, सरसौली कैंट की प्रिया श्रीवास्तव, हुकुलगंज कैंट का अनिल, अनेई की रंजीता सिंह, अर्दली बाजार का शाहबाज खान, बलिया जिले के बैरिया का रवींद्रनाथ पांडेय और बलिया के बेलहरी का अविनाश सिंह शामिल है.
दूसरे जिलों से भी जुड़ सकते हैं तार
इस संबंध में इंस्पेक्टर कैंट राकेश कुमार सिंह ने बताया कि फिलहाल इस मामले में अब तक 10 लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ है. बाकी अधिकारियों की टीम थाने पर पहुंची है और इस संदर्भ में हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ की जा रही है. माना जा रहा है कि इस मामले में इन 10 लोगों के अलावा भी और लोग शामिल हैं, जो अन्य कई जिलों के हो सकते हैं. इसलिए इस पूरे प्रकरण की जांच अच्छे से करने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है. फिलहाल अधिकारी इस पूरे प्रकरण में 2 से 3 घंटे में बड़े खुलासे की बात कर रहे हैं.