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कांग्रेस नेता राघवेंद्र चौबे के खिलाफ दर्ज हुई FIR, जानें पूरा मामला

आदर्श आचार संहिता उल्लंघन (Code of Conduct Violation) मामले में कांग्रेस नेता राघवेंद्र चौबे के खिलाफ दर्ज हुआ केस. एसएसटी टीम द्वारा 27 जनवरी की शाम वाहन चेकिंग के दौरान पाया गया था कांग्रेस पार्टी की प्रचार सामग्री के रूप में लगभग 2000 पैम्पलेट.

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Published : Feb 3, 2022, 8:48 AM IST

कांग्रेस नेता राघवेंद्र चौबे
कांग्रेस नेता राघवेंद्र चौबे

वाराणसीः आदर्श आचार संहिता उल्लंघन (Code of Conduct Violation) के मामले में कांग्रेस पार्टी (Congress Party) के वाराणसी महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे (Congress leader Raghavendra Choubey) पर थाना शिवपुर में आईपीसी 1860 की धारा 171-एच व 171 आई के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कराया गया है.

एसएसटी टीम द्वारा 27 जनवरी की शाम वाहन चेकिंग के दौरान कांग्रेस पार्टी की प्रचार सामग्री के रूप में लगभग 2000 पैम्पलेट पाया गया था. जिस पर चुनाव आयोग (Election commission)के अनुसार मुद्रक व प्रकाशन करने वाले का नाम उल्लेखित नहीं था. जो आदर्श आचार संहिता की धारा-127 (क) के उल्लंघन की परिधि में आता है. इस संबंध में रिटर्निंग ऑफिसर 388- वाराणसी उत्तरी के अपर नगर मजिस्ट्रेट (चतुर्थ) द्वारा नोटिस जारी कर उक्त कृत्य के संबंध में 48 घण्टे के अन्दर स्पष्टीकरण उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे.

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वहीं नोटिस के जवाब में राघवेंद्र चौबे ने स्पष्टीकरण देते हुए बताया कि "पम्पलेट चुनाव की तिथि घोषित होने के दो माह पूर्व का ही छपा है. पम्पलेट यूपी कांग्रेस कमेटी(UP Congress Committee) द्वारा छपवाया गया था. जो यूपी के सभी जिलों में भेजा गया है. जिसका लेखा जोखा कमेटी चुनाव आयोग को भेजेगा. अभी तक कांग्रेस पार्टी का कोई भी प्रत्याशी घोषित नहीं हुआ हैं.

कांग्रेस नेता ने बताया कि पम्पलेट केवल गाड़ी में रखा हुआ था. जिसका जनता मे वितरण नहीं हो रहा था. नोटिस को वापस लेने के लिए कहा गया. किंतु राघवेंद्र चौबे द्वारा अपने कथन के समर्थन में कोई ऐसा साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया है. जिससे कि उक्त पम्पलेट के मुद्रण की तिथि अथवा मुद्रण से सम्बन्धित व्यय की पुष्टि की जा सके.

वहीं कांग्रेस नेता राघवेंद्र चौबे द्वारा प्रस्तुत स्पष्टीकरण स्वीकार करने योग्य न होने व आदर्श आचार संहिता की धारा 15.1.2.1 एवं लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा-127 क 1 के उल्लघंन का आरोप सिद्ध पाये जाने पर स्पष्टीकरण को खारिज करते हुए रिटर्निंग आफिसर 388-वाराणसी उत्तरी/अपर नगर मजिस्ट्रेट (चतुर्थ) के निर्देशानुसार मामला दर्ज कराया गया.

एसएसटी मजिस्ट्रेट द्वारा केस में सम्बन्धित के खिलाफ थाना शिवपुर में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम- 1951 एवं भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) की सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कराकर एफआईआर दर्ज कराया गया है.

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