वाराणसी: जिले को टीबी मुक्त बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा नया प्लान तैयार किया है. इसके तहत नया टीबी रोगी खोजने वालों को स्वास्थ्य विभाग के ओर से 500 रुपये का नगद पुरस्कार दिया जाएगा. जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. राहुल सिंह ने बताया कि अगले माह जुलाई में विशेष संचारी रोग नियंत्रण माह एवं दस्तक अभियान के दौरान जो आशा कार्यकर्ता नए टीबी रोगी खोजेंगी. उन्हें सूचनादाता के तौर पर 500 रुपये उनके खाते में दिए जाएंगे. इसके साथ ही अगर कोई गैर सरकारी व्यक्ति भी टीबी का नया रोगी खोजता है, तो उसे सूचनादाता के तौर पर यही धनराशि देने का प्रावधान है.
चलाया जाएगा विशेष अभियान
डॉ. राहुल ने बताया कि एक जुलाई से 31 जुलाई तक के विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान और 12 जुलाई से 25 जुलाई तक दस्तक अभियान के दौरान क्षय रोगियों को खोजा जाएगा. इस दौरान जो आशा कार्यकर्ता लक्षण वाले संभावित क्षय रोगियों को ढूंढेंगी, ऐसे रोगियों की लिस्ट तैयार कर वह एएनएम को देंगी और ब्लॉक मुख्यालय को भी उपलब्ध कराएंगी. ऐसे संभावित रोगियों की टीबी जांच कराई जाएगी. जांच में अगर टीबी की पुष्टि ऐसे रोगी में होती है, जिसको पहली बार यह बीमारी हुई है और जो पहले से निक्षय पोर्टल पर दर्ज नहीं है तो रोगी को तुरंत पोर्टल पर पंजीकृत किया जाएगा. ऐसे रोगी को इलाज के दौरान 500 रुपये प्रति माह की दर से पोषण के लिए खाते में दिए जाएंगे.
लोगों से की अपील
जिला क्षय रोग अधिकारी ने जनपदवासियों से अपील की है कि अभियान के दौरान जब अंग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ता उनके घर टीबी के लक्षणों के बारे में जानकारी मांगें तो सही जानकारी दें. बीमारी को छिपाएं नहीं. टीबी रोगियों के इलाज में गोपनीयता बरती जाती है. लक्षणों के बावजूद अगर कोई बीमारी को छिपा रहा है, तो इससे उसके परिवार में भी टीबी के प्रसार का खतरा रहता है. बीमारी छिपाने वालों का समय से इलाज शुरू नहीं हो पाता और टीबी खतरनाक रूप अख्तियार करने लगती है.
यह लक्षण दिखें तो जरूर जांच कराएं
डॉ राहुल ने बताया कि दो सप्ताह या अधिक समय तक खांसी आना, खांसी के साथ बलगम आना, बलगम में कभी-कभी खून आना, सीने में दर्द होना, शाम को हल्का बुखार आना, वजन कम होना और भूख न लगना टीबी के सामान्य लक्षण हैं. ऐसे में अगर खांसी का मरीज आता है, तो उसके सभी लक्षणों की गहनता से पड़ताल होनी चाहिए और संभावित टीबी मरीज दिखे तो टीबी जांच अवश्य करवाई जानी चाहिए.