वाराणसी: NEET सॉल्वर गैंग मामले में वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस ने पिता-पुत्री को गिरफ्तार कर लिया है. इस केस की शुरुआत पकड़ी गई लड़की के स्थान पर परीक्षा दे रही बीएचयू की छात्रा जूली कुमारी पकड़े जाने से हुई थी. दोनों की काफी लंबे से समय से पुलिस को तलाश थी. सॉल्वर गैंग की विवेचना में पहली बार कैंडिडेट की गिरफ्तारी हुई है. जानकारी के मुताबिक ये लड़की धोखे से परीक्षा में उत्तीर्णं होकर डॉक्टर बनना चाहती थी. आरोपी लड़की मूल रूप से त्रिपुरा की रहने वाली है.
इस संबंध में पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने बताया कि अभियुक्त गोपाल विश्वास, निवासी ए.डी.सी. साउथ, कचुचारा जिला धलाई, त्रिपुरा को नीट 2021 परीक्षा में सॉल्वर गैंग के साथ संलिप्तता के साक्ष्य पाए जाने पर गिरफ्तार किया गया है. पूछताछ में गोपाल विश्वास ने स्वीकार किया है कि वह त्रिपुरा में मेडिकल स्टोर चलाते हैं. उन्होंने अपनी बेटी का एमबीबीएस में एडमिशन कराने के लिए त्रिपुरा के ही प्रदीप्त भट्टाचार्य और मृत्युंजय देवनाथ से संपर्क किया था. जिन्होंने नीलेश उर्फ पीके और डॉ. ओसामा शाहिद के माध्यम से सॉल्वर बैठाकर परीक्षा पास कराने हेतु 50 लाख रुपये में सौदा तय किया था.
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प्रदीप्त, मृत्युंजय और नीलेश उर्फ पीके ने एडवांस में 5 लाख रुपए बैंक अकाउंट में जमा कराए और इनकी बेटी के स्थान पर सॉल्वर के रूप में परीक्षा दिलाने के लिए बीएचयू की स्टूडेंट जूली कुमारी के साथ फोटो को मिक्स कराकर फॉर्म भरवाया गया. 12 सितंबर 2021 को गोपाल विश्वास की पुत्री के स्थान पर जूली कुमारी परीक्षा दे रही थीं कि कमिश्नरेट वाराणसी की सर्विलांस टीम और थाना सारनाथ की पुलिस टीम ने सूचना के आधार पर उसे गिरफ्तार कर लिया था.
गोपाल विश्वास ने पूछताछ पर यह भी बताया कि आस-पड़ोस तथा परिजनों को यह विश्वास दिलाने के लिए कि उनकी पुत्री ने ही नीट की परीक्षा दी है, इसके लिए प्रदीप्त भट्टाचार्य, गोपाल विश्वास और इनकी पुत्री 9 सितंबर 2021 को एयर इंडिया की फ्लाइट से अगरतला से दिल्ली गए जबकि उनकी बेटी की NEET परीक्षा वाराणसी में थी. तीन दिनों तक दिल्ली में विभिन्न स्थानों पर घूमने के बाद 13 सितंबर 2021 की सुबह वह दिल्ली से वापस एयर इंडिया की फ्लाइट से अगरतला, त्रिपुरा पहुंचे.
वापस त्रिपुरा पहुंचने पर उन्हें जूली कुमारी के पकड़े जाने की सूचना प्रदीप्त और मृत्युंजय के माध्यम से मिली और टीवी, न्यूजपेपर में भी पढ़ा. गोपाल विश्वास और उनकी बेटी (बाल अपचारी- 17 वर्ष 8 माह) को वास्ते रिमांड JM न्यायालय एवं किशोर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया. जहां न्यायालय द्वारा गोपाल विश्वास को न्यायिक अभिरक्षा में जिला कारागार वाराणसी भेज दिया गया और किशोर न्यायालय द्वारा बाल अपचारी को राजकीय संप्रेक्षण गृह, बाराबंकी भेजा गया है.