वाराणसी:उत्तर प्रदेश में बेमौसम बारिश ने किसानों की हालत खराब कर दी है. इस बारिश से किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है. वहीं इस से बारिश से वाराणसी के किसानों को भी भारी क्षति उठानी पड़ी है. जिसके बाद सरकार ने किसानों को हुए नुकसान की रिपोर्ट बनाने के साथ ही मृत किसानों के परिजनों मुआवजे देने के निर्देश दिए हैं. प्रदेश के कई जिलों में के साथ ही वाराणसी में भी जमकर बारिश हुई है. बेमौसम बारिश से वाराणसी के चिरईगांव, चौबेपुर, लोहता, जंसा, बड़ागांव में किसानों की लगभग 90 फीसदी फसलें नष्ट हो चुकी हैं. इसके साथ ही यहां के किसानों की सरसों, चना, आलू, टमाटर पर भी बुरा असर पड़ा है. इस तरह किसानों की फसल लगभग बर्बाद हो गई है. बारिश से नुकसान झेल रहे इन किसानों के लिए सरकार ने कदम उठाए हैं. सरकार ने मृत किसानों और अन्य किसानों के फसलों के नुकसान का रिपोर्ट बनाने का निर्देश दिया है.
मृतक किसानों के परिवार को भेजे जाएंगे 4 लाखः वहीं,कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने कहा कि बेमौसम बारिश के कारण प्रदेश में 10 लोगों की असामयिक मृत्यु हुई है. उन्होंने कहा कि मृतक किसानों के परिवार को 4 लाख रुपये की सहायता राशि दिए जाने का निर्णय लिया गया है. सभी जिलाधिकारियों को आदेश दिया गया है कि इन किसानों के परिवारों के खातों में जल्द ही 4-4 लाख रुपये की राशि भेजी जाएगी.
बेमौसम बारिश से किसानों की 90 फीसदी फसलें हुईं खराब, अब सरकार की ओर टिकीं निगाहें - प्रधानमंत्री फसल बीमा
वाराणसी के किसानों ने बताया कि बेमौसम बारिश से गेहूं की फसलों का भारी नुकासान हुआ है. कई जगह तो फसलें जमीन में लोट गई है. वहीं कृषि मंत्री ने जल्द से जल्द किसानों को मुआवजे की राशि देने का निर्देश दिया है.
बीमा कंपनियों को दिए जाएंगे सर्वे करने का निर्देशःकृषि मंत्री ने कहा बेमौसम बारिश से किसानों की छति का आकलन कराया जा रहा है. सरकार सभी किसान भाइयों के साथ है. प्रधानमंत्री फसल बीमा के भीतर जिन किसानों ने अपनी फसलों का बीमा कराया हुआ है. उन कंपनियों के साथ बैठक कर ऐसे किसानों की फसलों का सर्वे करने का निर्देश दिया जाएगा. इस सर्वे के मुताबिक मुआवजे की राशि का भुगतान कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि किसान व्यक्तिगत रूप से बैंक और बीमा कंपनी को प्रार्थना पत्र दे सकते हैं. क्योंकि यह नुकसान कुछ ही जगहों पर हुआ है. सभी बीमा रहित किसानों को ओलावृष्टि से हुए नुकसान की जानकारी बीमा कंपनी को 72 घंटे के अंदर दे दें. जिससे उनके नुकसान की भरपाई की जा सके.
किसानों को सरकार से जताई उम्मीदःवाराणसी के किसान रामतीर्थ ने कहा कि बारिश ने किसानों की 90 फीसदी कमर तोड़ दी है. किसान बहुत हिम्मत करके इस बात का आकलन कर पा रहा है कि कितना नुकसान हुआ है. उन्होंने बताया कि गेहूं पकने के कगार पर था. लेकिन अब सब खत्म हो गया है. दूसरे किसान संजय सिंह ने कहा कि फसल बारिश के कारण जमीन पर गिर गई है. सरसों और टमाटर की तैयार फसल नष्ट हो गई है. सब कुछ बिखर गया है. सरकार से मुआवजे की उम्मीद है. नहीं मिला तो किसान बिना खाए ही मर जाएंगे.
यह भी पढ़ें- कृषि मंत्री बोले, किसानों की आय को बढ़ाने के प्रदेश में चल रहा महाअभियान