वाराणसी: निजीकरण के विरोध में कार्य बहिष्कार से लौटे बिजलीकर्मियों पर अब घाटा कम करने का दबाव है, लेकिन पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के हेड ऑफिस वाराणसी में इसे लेकर हड़कंप की स्थिति है. ज्यादा परेशानी इस बात की है कि बिजली विभाग के घाटे को खुद सरकारी विभाग ही बढ़ा रहा है.
पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम का सरकारी विभागों पर करोड़ों का बकाया जिले के सरकारी विभागों पर सालों से बिजली विभाग का 650 करोड़ से ज्यादा का बिल बकाया है. मुश्किल यह है कि सरकारी नियमों के तहत न इन विभागों की बिजली कट सकती है और न ही बकाया वसूली के लिए कोई कड़ा रवैया अपनाया जा सकता है, जिसका खामियाजा पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम को भुगतना पड़ रहा है.
फैसला टला लेकिन वसूली ठप
पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का प्रस्ताव इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि सरकार का कहना है की बिजली विभाग घाटे में है. हालंकि बिजलीकर्मियों के आंदोलन के बाद ये मसला जनवरी 2021 तक के लिए टाल दिया गया है, लेकिन बिजलीकर्मी काम पर वापस आने के बाद अब राजश्व के घाटे को कम करने की जुगत में लग गए हैं. इस दौरान जो लेखा - जोखा सामने आया उससे सभी हैरान हैं. वाराणसी में सरकारी विभागों पर बिजली विभाग का 650 करोड़ से ज्यादा का बकाया है.
9 विभाग हैं बड़े बकायेदार
ऐसे नौ सरकारी विभाग हैं, जिन पर भारी भरकम पैसा बकाया है. अब बिजली विभाग इन सभी को नोटिस जारी कर रहा है और इसके बाद भी अगर बकाया नहीं दिया गया तो बिजली काटने की भी कार्रवाई की तैयारी है. बिजली विभाग के अधिकारी बताते हैं कि कई सालों से बिजली का ये बिल बकाया है,लेकिन हर साल 10 प्रतिशत जमा कर बाकी पैसा ये विभाग नहीं देते हैं.
वहीं दूसरी तरफ वाराणसी के सबसे बड़े बिजली के सरकारी बकायेदार जलकल विभाग के महाप्रबंधक का कहना है कि हम अपनी तरफ से बिल के भुगतान के लिए जो कार्रवाई करनी है, वह कर चुके हैं.
सबसे बड़ी बात यह है कि सरकारी विभागों के लंबे चौड़े बकाए की वजह से पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम का नुकसान दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है. मौजूदा समय में अगर बात की जाए तो पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम 84 करोड़ 10 लाख से भी ज्यादा के घाटे में है. अगर इस वित्तीय वर्ष में 2020 मार्च तक की बात की जाए तो निगम को 12 अरब 7 करोड़ 94 लाख से ज्यादा की कमाई कम हुई है, जबकि खर्च 12 अरब 92 करोड़ 19 लाख से ज्यादा का हुआ है. इसके बावजूद हालात यह हैं कि आम उपभोक्ता पर बिजली विभाग वसूली के लिए तो कड़ाई करता दिखाई देता है, लेकिन सरकारी विभागों के आगे बेबस दिख रहा है, जिसकी वजह से पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम का घाटा बढ़ता ही जा रहा है.
ये हैं बड़े सरकारी बकायेदार
- वाराणसी जलकल विभाग - 515 करोड़ बकाया
- वाराणसी गंगा प्रदूषण इकाई - 24 करोड़ बकाया
- वाराणसी प्राथमिक शिक्षा विभाग - 7 करोड़ 43 लाख बकाया
- वाराणसी पुलिस विभाग - 6 करोड़ 16 लाख बकाया
- जिला प्रशासन - 1 करोड़ 47 लाख बकाया
- नगर विकास - 1 करोड़ 72 लाख बकाया
- नेशनल हाईवे स्ट्रीट लाइट- 146 करोड़ 55 लाख बकाया
- राजकीय नलकूप 22 करोड़ बकाया
- गंगा प्रदूषण 242 करोड़ बकाया
- एक्साइज डिपार्टमेंट- 2 करोड़ बकाया
इसके अलावा भी कई अन्य बड़े बकायेदार हैं, जिनपर बिजली विभाग का बिल बकाया है.