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अबकी ईद पर पर छाया 'अरतगल गाजी टोपी' का खुमार - अरतगल गाजी टोपी की खरीदारी

लॉकडाउन के चलते ईद का त्योहार वैसे तो इस बार फीका नजर आ रहा है. त्योहार के इस माहौलम में यूपी के वाराणसी जिले में लोग खरीदारी कर रहे हैं. जिले के दालमंडी में ऑड इवेन के मुताबिक दुकानें खुल रही हैं, जहां लोगों में कपड़ों के साथ ही खास टोपियों की भी खरीदारी का क्रेज दिख रहा है.

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ईद पर अर्तगल गाजी टोपी की मांग.

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Published : May 24, 2020, 7:53 PM IST

वाराणसीः इस्लाम धर्म का पाक महीना रमजान खत्म होने को है और लोग 25 मई को ईद मनाएंगे. रोजे के बाद अब खुशियां बटोरने के लिए हर कोई बेताब नजर आ रहा है. छोटे बड़े मियां से लेकर हर शख्स ईद पर खुद को दूसरे से अलग दिखाने की चाह में बाजार से खरीदारी में जुटा है. लॉकडाउन के कारण वाराणसी शहर की दाल मंडी ऑड इवेन के मुताबिक खुल रही है. हालांकि हर साल की तरह इस बार बाजारों में भीड़ तो नहीं है, लेकिन लोग जरूरत के सामानों के लिए जरूर निकल रहे हैं.

ईद पर अरतगल गाजी टोपी की मांग.

ईद में सेवइयों के साथ जहां पुरुषों की पसंद कुर्ता-पैजामा और टोपी होती है तो वहीं महिलाओं की पसंद चूड़ी और सलवार-सूट होते हैं. इन दिनों मुस्लिम भाई टोपी की खरीदारी में जुटे हुए हैं. वाराणसी के दाल मंडी बाजार में कई तरह की टोपियों की दुकानें सजी हुई हैं, जहां लोग खरीदारी कर रहे हैं.

इस बार ईद पर पाकिस्तानी बुखारा, अर्तगल गाजी टोपी, ओवैसी टोपी, मौलाना साद टोपी, बाजार में बिक रही हैं. टोपियों की कीमत की बात करें तो इनकी कीमत 20 रुपये से शुरू होकर के 500 रुपये तक हैं. जहां सादी दिखने वाली टोपियों की कीमत 20 रुपये है तो वहीं जरकारी टोपियां जिन पर एंब्रॉयडरी वर्क हुआ है, इनकी कीमत ज्यादा है.

ईद के मौके पर सबसे ज्यादा खरीदारी अरतगल गाजी सीरियल में पहनी जाने वाले गाजी टोपी की है. इसकी कीमत बाजार में 400 से 500 रुपये है. बच्चों की टोपी की बात करें तो पाकिस्तानी पगड़ी और इंडियन टोपी काफी बिक रही है. इसकी कीमत 50 रुपये से शुरू होकर के 200 रुपये तक है.

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खरीदारों का कहना है कि पाकिस्तानी बुखारा और अरतगल गाजी टोपी थोड़ी सी अलग है और दिखने में भी खूबसूरत होती है, इसलिए वे इन्हें खरीद रहे हैं. बातचीत में ग्राहकों में बताया कि इस बार ईद का बाजार थोड़ा सा सूना है. हम सिर्फ जरूरत का सामान लेने के लिए ही घर से बाहर निकल रहे हैं. दरअसल टोपी नमाज अदा करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है, इसलिए हम इसकी खरीदारी करने आए हैं.

वहीं दुकानदारों की मानें तो लॉकडाउन के कारण इस बार मंदी की मार सबसे ज्यादा झेलनी पड़ रही है और हर साल के मुकाबले 10 प्रतिशत भी माल नहीं बिका है. बाहर से कोई माल नहीं आया और न ही वे लोग बाहर माल भेज पा रहे हैं. उनके पास जो कुछ माल है, वही बेचकर काम चला रहे हैं. उनका कहना है कि लॉकडाउन के चलते बिक्री बहुत कम हो रही है और कुछ ही लोग आकर खरीदारी कर रहे हैं.

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