वाराणसी: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने शुक्रवार को सर्किट हाउस में शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार में बिना किसी दबाव और सिफारिश के अभ्यर्थी की योग्यता और पात्रता पर पारदर्शिता से लाखों नियुक्तियां हुई हैं. अभी हाल ही में वाराणसी मंडल में 1645 प्रवक्ताओं की नियुक्ति हुई है. उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने जनपदों के जिला विद्यालय निरीक्षकों से नवनियुक्त प्रवक्ताओं की जॉइनिंग करने के बारे में पूछताछ की.
डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि संस्कृत विद्यालयों में योग्य संस्कृत अध्यापकों की नियुक्ति हुई है. मंडलीय अधिकारियों ने बताया कि काफी संख्या में एलटी, प्रवक्ता व संस्कृत शिक्षकों की नियुक्ति हुई है. इससे अब मानदेय पर रखने की आवश्यकता भी नहीं पड़ेगी. उन्होंने न्यायालयों में चल रहे प्रकरणों के बारे में भी पूछताछ की. उपमुख्यमंत्री ने महाविद्यालयों में लैपटॉप एवं टैबलेट वितरण के संबंध में पूछताछ करते हुए सही व पारदर्शिता के साथ वितरण कराने के निर्देश दिये.
डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा आगामी बोर्ड परीक्षाओं के लिए केंद्रों के निर्धारण पर उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि सरकारी कॉलेज व ऐडेड कॉलेज को प्राथमिकता पर लें. विशेष आवश्यकता पर स्ववित्तपोषित को ही लिया जाए और यह देख लें कि परीक्षा केंद्र वाले कॉलेजों में चारदीवारी, जनरेटर/इनवर्टर, सीसीटीवी, पुरुष और महिला के अलग-अलग शौचालय, कंट्रोल रूम आदि आवश्यक व्यवस्थाएं उपलब्ध हो. उपमुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिये कि हर कार्य सही, निष्पक्ष व पारदर्शिता से करें. किसी दबाव या सिफारिश से कोई कार्य नियम-विरुद्ध कतई नहीं होना चाहिए. उन्होंने काशी विद्यापीठ, संपूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी, उच्च शिक्षा अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक से उनकी दिक्कतों के बारे में भी पूछताछ की.
वहीं उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बारे में भी वाराणसी पहुंचे उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने बात की. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार के चुनाव में कार्यकर्ताओं का जोश पिछली बार से भी ज्यादा है. इस बार भाजपा की जीत का पिछला रिकॉर्ड भी टूटने वाला है. उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव को 2017 और 2019 के चुनाव परिणाम और उपचुनाव की तरह देखती है. साप और कांग्रेस ने गठबंधन किया था और बसपा ने बाहर से समर्थन दिया था, तब भी हार गये थे.
दिनेश शर्मा ने कहा कि अब ये छोटे गठबंधन के आधार पर चुनाव लड़ रहे हैं तो यह साफ है कि फिर बुरी तरह से हारेंगे. उन्होंने ममता बनर्जी के बारे में कहा कि बंगाल के हिंसा और आतंक के साथ ही जो तुष्टिकरण की राजनीति है, उसे उत्तर प्रदेश में स्थान नहीं मिल सकता. उत्तर प्रदेश की जनता उन्हें स्वीकार नहीं करेगी.
असदुद्दीन ओवैसी का नाम लिये बिना डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि हैदराबाद से कुछ लोग आ रहे हैं तो कोई महाराष्ट्र से आ रहा है. ये लोग यहां पर राजनीति का सपना देख रहे हैं लेकिन अब जनता सब जान गयी है. उत्तर प्रदेस में भाई-भतीजावाद, परिवारवाद की कोई जगह नहीं है. अब केवल एक ही वाद है और वो है विकासवाद. इसी के आधार पर भारतीय जनता पार्टी काम कर रही है और वह आगे बढ़ रही है.
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