वाराणसी: गुरुवार सुबह साल 2019 का अंतिम सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. सूर्य ग्रहण लगने के 12 घंटे पहले ही सूतक काल शुरू हो जाता है. इसमें देव दर्शन वर्जित होता है. यही वजह है कि धर्म की नगरी काशी में रात 8 बजे मंदिरों के कपाट बंद हो गए. इसके साथ ही मां गंगा के तट पर भक्तों की टोली अभी से ही प्रार्थना करने लगी. सूर्य ग्रहण 26 दिसंबर को सुबह 8 बजकर 21 मिनट से शुरू होकर सुबह 11 बजकर 14 मिनट तक रहेगा. इसके साथ ही भगवान के स्नान और श्रृंगार के साथ मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे.
पंडित सुब्बा राव ने कहा कि शास्त्रों के अनुसार सूर्य ग्रहण के 12 घंटा पहले सूतक काल लग जाता है. शाम 8 बजे से ही पूजन पाठ कर भगवान का कपाट बंद कर दिया जाता है. चिंतामणि गणेश भगवान का कपाट बंद हो गया. उन्होंने बताया कि ग्रहण काल में लोगों को गंगा नदी किनारे सरोवर किनारे या मंदिरों में बैठकर भजन-कीर्तन करना चाहिए. गुरु द्वारा दिया गया मंत्र या हनुमान चालीसा का भी पाठ कर सकते हैं.
यह सूर्य ग्रहण भारत के साथ विदेशी धरती पर भी कई जगहों पर दिखाई देगा. लगभग 3 घंटे से ज्यादा समय तक सूर्य ग्रहण का प्रभाव रहेगा. सूतक काल के शुरू होने पर मंदिरों में भगवान के आगे पर्दा डाल दिया गया है.