वाराणसी: कोविड-19 महामारी के दौर में लॉकडाउन हुआ. उस दौरान सभी दुकानें, दफ्तर, स्कूल, कंपनियां सब कुछ बंद हो गया. उस समय सभी लोग अपने-अपने घरों में कैद रहे. अस्पताल, मीडिया, पुलिस, सफाईकर्मियों को छोड़कर किसी को भी बिना जरूरत के बाहर निकलने की अनुमति नहीं थी. लोग जिन परिवार वालों से दूर रहते थे, लॉकडाउन के दौरान सभी लोग एक छत के नीचे रहने के लिए मजबूर हो गए. ऐसे में जब ज्यादा समय साथ बिताने लगे तो रिश्तों का तनाव खुलकर सामने आ गया. तनाव बढ़ा तो घरेलू हिंसा बढ़ने लगी. ऐसे में लॉकडाउन के दौरान सबसे ज्यादा घरेलू हिंसा के मामले सामने आए. लॉकडाउन में वाराणसी में महिलाओं की क्या स्थिति है, महिला हिंसा कितनी बढ़ी है, यह जानने के लिए जब ईटीवी भारत की टीम ने समाजसेविका, प्रशासन समेत पीड़ित महिलाओं से बातचीत की तो चौंकाने वाले मामले सामने आए.
छलक आया पीड़िता का दर्द
घरेलू हिंसा की शिकार हुई एक पीड़ित महिला ने ईटीवी भारत से आपबीती बताते हुए कहा कि वह पिछले 5 सालों से वाराणसी के एक लड़के के साथ शादी करके बाहर रह रही थी. उसका पति प्राइवेट कंपनी में कांट्रेक्ट बेस पर काम करता था, लेकिन पिछले 8 महीने पहले उसका पति अपने घर से कुछ सामान लाने का बहाना कर उसे छोड़ कर चला गया. उसके बाद से वह वापस कभी उससे मिलने नहीं गया. महिला कई बार पति के घर भी गई, लेकिन घर वालों ने उसकी शादी मानने से इनकार कर दिया और उसके साथ मारपीट भी की. ससुराल वालों ने उसको धमकी भी दी कि अब वह उसे अपनी बहू के रूप में स्वीकार नहीं करेंगे. महिला ने बताया कि अब तक उसकी एफआईआर भी दर्ज नहीं हुई है. वह काफी दिनों से परेशान है, उसे समझ नहीं आ रहा है कि आखिर न्याय कैसे मिलेगा.
लॉकडाउन में घातक हुई महिला हिंसा
महिलाओं के अधिकार के लिए लड़ने वाली समाजसेविका रंजना गौड़ ने बताया कि हम लोगों ने सोचा नहीं था कि कोविड-19 के दौर में महिला हिंसा इतना घातक साबित होगी. उन्होंने कहा कि यह पुरुषों के लिए एक सुनहरा अवसर बन गया है क्योंकि इस समय महिलाएं घर में पुरुष के साथ रह रही हैं, जो उसका हर प्रकार से उसका शोषण कर रहा है. वह कुछ कह भी नहीं सकती क्योंकि उनके पास अभी कोई सहारा नहीं है. 181 जो महिला हेल्पलाइन नंबर थी, वह भी बंद हो चुकी है. वहीं पुलिस कंप्लेन भी नहीं हो रही है क्योंकि पुलिस कोविड-19 में फंसी हुई है. उन्होंने बताया कि कोविड-19 के दौर में उनके पास कई सारे ऐसे केस आए हैं, जिसे देखकर और सुनकर हम स्तब्ध रह गए हैं.
एक केस के बारे में रंजना गौड़ ने बताया कि एक महिला को उसके पति ने घर से निकाल दिया. वह पिछले 4 दिन से अपने पति के घर के दरवाजे पर बैठी हुई थी. उसका पति उसको खाना भी नहीं दे रहा था. वह महिला असहाय ही बैठी रही और पुलिस भी उसकी सहायता नहीं कर सकी.