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वाराणसी: कोविड मरीजों के साथ लापरवाही पर अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस

यूपी के वाराणसी में कोरोना मरीजों के साथ हो रही लापरवाही को लेकर जिला प्रशासन ने अधिकारियों को लेकर कड़ा रुख अख्तियार किया है. इसी के तहत कई अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.

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कोविड मरीजों के साथ लापरवाही पड़ी महंगी

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Published : Jul 24, 2020, 11:08 PM IST

वाराणसी: जिले में कोरोना मरीजों के साथ हो रही लापरवाही को लेकर जिला प्रशासन ने कड़ा रुख अख्तियार किया है. इसी के तहत जिला प्रशासन ने 13 थानों के लिए 39 एंबुलेंस को अधिग्रहित कर कोविड पॉजिटिव मरीजों को अन्य चिकित्सालयों में पहुंचाने हेतु तत्काल उपलब्ध कराए जाने के लिए दिए गये निर्देश की अवहेलना के साथ अन्य व्यवस्थाओं में अनियमितता को गंभीरता से लेते हुए डीएम ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है.

जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी अजय कुमार राय को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. जिलाधिकारी ने कहा कि सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी के इस शिथिलता के कारण अब तक मात्र 19 एंबुलेंस उपलब्ध हो पाए हैं, जबकि जनपद में 450 एंबुलेंस उपलब्ध हैं. इस प्रकार सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी द्वारा अब तक मात्र 10 फीसदी से भी कम एंबुलेंस उपलब्ध कराया गया है.

इसी क्रम में पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय को कोविड एल-2 सेंटर घोषित किये जाने के बाद भी लगातार मिल रही अनियमितता को लेकर डीएम ने चिकित्सालय के सीएमओ को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. चिकित्सालय की सीवर लाइन लगभग 10 दिनों से टूटी होने तथा उसका मरम्मत कराए जाने हेतु निर्देशित किए जाने के बावजूद अब तक मरम्मत न कराए जाने को गंभीरता से लेते हुए डीएम ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

इसी प्रकार सेंट मैरी चिकित्सालय कोरोता में डॉ. एके मौर्य अपर चिकित्सा अधिकारी, नोडल अधिकारी को पूर्व से ही निर्देशित किए जाने के बावजूद मीनू के अनुसार निर्धारित मानक के अनुरूप खाद्य सामग्री उपलब्ध नहीं कराए जाने को गंभीरता से लेते हुए कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है.

डीएम ने डॉक्टर एके गुप्ता को भी कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है. जनपद में स्थित कोविड एवं नान कोविड चिकित्सालयों के निरीक्षण एवं वहां पर पाई गई कमियों के निस्तारण की जिम्मेदारी उनको दिए जाने के बावजूद उनके द्वारा भी अपने दायित्वों के निर्वहन में शिथिलता बरती गई है.

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