वाराणसीः भारतीय मजदूर संघ एवं भारतीय रेलवे मजदूर संघ के आह्वान पर डीजल रेल इंजन कारखाना मजदूर संघ ने चेतावनी सप्ताह कार्यक्रम सप्ताह मनाया गया. इस कार्यक्रम के आखिरी दिन भारत सरकार के मजदूर विरोधी नीतियों के विरोध में डीरेका गुमटी मार्केट में आम सभा का आयोजन हुआ.
आम सभा को संबोधित करते हुए डीरेका मजदूर संघ के कार्यवाहक अध्यक्ष राधा बल्लभ त्रिपाठी ने कहा कि भारत सरकार ने देश में एक भी सरकारी उद्योग को स्थापित नहीं किया. साथ ही जो सरकारी उद्योग है, उसे समाप्त करने का जो षड्यंत्र कर रही है, वह न तो देश के हित में है और न ही आम जनता के हित में है. इसके कारण देश के अंदर बेरोजगारों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है.
वहीं कर्मचारी परिषद के सदस्य वी. डी. दुबे ने कहा कि भारत सरकार ने रेल में ट्रेनों को निजी क्षेत्र में देकर देश के आम आदमी के ऊपर आर्थिक बोझ डालने का जो कुचक्र रच रही है, वह इस देश की जनता के हित में नहीं है और इसे जनता माफ नहीं करेगी. श्री दुबे ने आगे कहा कि बेरोजगारी को दूर करने के लिए भारत सरकार को रोजगार सृजन करने की एक निति बनानी चाहिए. जिससे देश में बेरोजगारों की संख्या कम हो सकें.
इस दौरान आम सभा में विभिन्न वक्ताओं ने डीरेका के निगमीकरण, भारतीय रेल के निजीकरण, पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने, श्रम कानूनों में कर्मचारी विरोधी परिवर्तनों के विरोध, बोनस की मांग 18 हजार न्यूनतम के साथ, रेलवे में अप्रैन्टिसों के समायोजन एवं अन्य मांगो को लेकर डीरेका के सब्जी मार्केट पर आम सभा का आयोजन कर भारत सरकार को अपनी बातें पहुंचाने का कार्य किया.
आम सभा में मौजूद कर्मचारियों ने एकसुर में कहा कि यदि डीरेका का निगमीकरण किया गया तो सरकार को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. सरकार नहीं मानी तो सरकार के इस दमनकारी मजदूर विरोधी नितियों के खिलाफ जल्द ही सड़क पर उतरेंगे. कहा कि श्रम विरोधी नितियों की वापसी एवं बोनस की जल्द से घोषणा करने की मांग की. सभा का संचालन महामंत्री कृष्ण मोहन तिवारी ने और अध्यक्षता संगठन मंत्री के. सी. पाण्डेय ने किया.