वाराणसी:काशी में दीपावली के त्योहार का उत्सव कल से शुरू हो जाएगा. हर वर्ष वाराणसी में धनतेरस के मौके पर माता अन्नपूर्णा की स्वर्ण मूर्ति के दर्शन सिर्फ गिने-चुने दिनों के लिए ही खोले जाते हैं. साल में एक बार होने वाले दर्शन के लिए सिर्फ वाराणसी ही नहीं, बल्कि देश के हर हिस्से से लोगों की भीड़ बनारस पहुंचती है. इस बार लगभग 5 दिन के इस कार्यक्रम में 6 लाख से ज्यादा लोगों के आने का अनुमान है. इसे लेकर जबरदस्त तैयारी की गई है. आप भी अगर माता अन्नपूर्णा की स्वर्ण मूर्ति के दर्शन करने जा रहे हैं तो आपको कुछ चीजों का ध्यान रखना होगा. क्योंकि शहर में रूट डायवर्जन लागू होगा और मंदिर जाने के लिए कुछ रास्तों को ही फाइनल किया गया है. जहां से आपको मंदिर में प्रवेश मिलेगा.
माता अन्नपूर्णा मंदिर और मठ के मैनेजर काशी मिश्रा ने बताया कि हर वर्ष की तरह मंदिर में भक्तों के लिए अस्थाई सीढ़ियों का प्रबंध किया जा रहा है. धनतेरस पर स्वर्णमयी अन्नपूर्णा के दर्शन करने के लिए भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए कंट्रोल रूम भी बनाया गया है. जहां से निगरानी लगातार की जाएगी. भक्तों को माता अन्नपूर्णा में मंदिर के प्रवेश मार्ग के लिए गेट नंबर 1 को फाइनल किया गया है. पूर्व में भी गेट नंबर 1 से ही मंदिर में प्रवेश दिया जाता था.
परिसर में सुरक्षा की दृष्टि से दो दर्जन से ज्यादा सीसीटीवी लगाए गए हैं. महंत शंकर पुरी का कहना है कि 10 नवंबर से लेकर 14 नवंबर तक अन्नपूर्णा माता के स्वर्णमयी प्रतिमा के दर्शन भक्तों को होंगे और पहले दिन भक्तों को खजाने का वितरण भी किया जाएगा. महंत शंकर पुरी का कहना है कि भक्तों को बांस फाटक से होते हुए गेट नंबर एक ढूंढीराज प्रवेश बिंदु से मुख्य द्वार मंदिर अन्नपूर्णा माता के दर्शन के लिए प्रवेश दिया जाएगा और भक्त दर्शन करने के पश्चात कालिका गली होकर निकलेंगे.
आज से लागू हो जाएगा रूट डायवर्जन
कबीरचौरा की तरफ से पियरी चौकी होते हुए बेनिया तिराहा की तरफ से तीन पहिया एवं चार पहिया वाहनों का आवागमन ठप रहेगा. दो पहिया वाहनों का संचालन होगा. इस प्रकार यह मार्ग त्योहारों के अवसर पर एकल दिशा मार्ग के रूप में प्रयोग होगा. बेनिया पार्किंग से जो भी वाहन निकलेंगे, पियरी चौकी, कबीरचौरा होकर अपने गंतव्य स्थान को जाएंगे. किसी भी दशा में बेनिया तिराहे होकर लहुराबीर नही जाएंगे.