वाराणसी: जनपद वाराणसी में गंगा नदी के खतरे का निशान 71.262 मीटर है, और गंगा का जलस्तर इस निशान के इर्द गिर्द बना हुआ है. जनपद में कुल प्रभावित गांव, मोहल्ला व वार्ड 58 हैं तथा बाढ़ प्रभावित लोगों की संख्या 30921 पहुंच चुकी है. किन्तु बाढ़ राहत केंद्र/आश्रय स्थलों पर अभी 2848 बाढ़ पीड़ित विस्थापित हैं. जनपद में कुल 1353 सूखे राशन की किट का वितरण किया जा चुका है. बाढ़ राहत क्षेत्रों में रहे लोगों को सुरक्षित राहत शिविरों में पहुंचाने तथा बाढ़ पीड़ितों की सहायता के साथ ही बाढ़ क्षेत्र में निगरानी करने के लिए कुल 31 मोटर बोट, 39 मझौली, 15 छोटी सहित कुल 85 नावों को संचालित किया जा रहा है.
बाढ़ से बेहाल बनारस, जिला अधिकारी ने किया निरीक्षण - वाराणसी खबर
वाराणसी के तमाम जिलों में गंगा का पानी तबाही का सबब बना हुआ है. गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 45 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया है. कहीं सैंकड़ों हेक्टेयर फसलें बर्बाद हो गईं तो कहीं पूरा का पूरा गांव पलायन को मजबूर हो गया है. यहां तो शवों को मोक्ष दिलाने के लिए छतों का सहारा लिया जा रहा है. ऐसे में वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने लंका थाना अंतर्गत मारुति नगर कॉलोनी का निरीक्षण किया, लोगों से बात की और हालातों का जायजा लिया. जिलाधिकारी के साथ एनडीआरएफ की टीम भी मौजूद थी.
बाढ़ राहत शिविरों में रह रहे लोगों को खाने-पीने के साथ-साथ चाय नाश्ता दिया जा रहा है. सभी केंद्रों पर दवाइयों की उपलब्धता हैं. पीने का स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था की गई है. जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा सहित प्रशासन के अन्य अधिकारी बाढ़ एवं बाढ़ पीड़ितों पर सतर्क निगाह रखे हुए हैं. तत्परता व सजगता से जरूरतमंदों की सहायता उपलब्ध कराई जा रही है.
बाढ़ को लेकर पूरे जिले में किसी भी प्रकार की कोई घटना फिलहाल नहीं हुई है. पानी का लेबल जो 71 पॉइंट से 78 पर आ गया है, दो तीन सेंटीमीटर बढ़ने की और संभावना है. प्रयागराज में पानी कम होना शुरू हो गया है. इससे यह उम्मीद लगाया जा रही है कि आज रात से पानी कम होने लगेगा.