वाराणसी:काशी हिंदू विश्वविद्यालय में 'आज का समय और लोक भाषाओं का महत्व' विषय पर चर्चा हुई. इस परिचर्चा में यह बताया गया कि लोक भाषा आत्मा को सुख और आनंद देने का स्रोत है.
भोजपुरी भाषा लड़ रही अपने अस्तित्व की लड़ाई
वाराणसी:काशी हिंदू विश्वविद्यालय में 'आज का समय और लोक भाषाओं का महत्व' विषय पर चर्चा हुई. इस परिचर्चा में यह बताया गया कि लोक भाषा आत्मा को सुख और आनंद देने का स्रोत है.
भोजपुरी भाषा लड़ रही अपने अस्तित्व की लड़ाई
हम अक्सर देखते हैं कि हमारी बहुत सी भाषाएं हैं, लेकिन जब हम अपनी लोक भाषाओं का प्रयोग करते हैं तो हमें आनंद आता है. ऐसे में लोक भाषाओं की बात के साथ भोजपुरी का विकास भी बहुत आवश्यक है. क्योंकि आज के दौर में भोजपुरी भाषा अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है. ऐसे में आने वाली पीढ़ी लोक भाषाओं के साथ भोजपुरी के महत्व को जाने इस पर भी चर्चा हुई.
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भारतीय भाषा के अंतर्गत जो हमारी बोलियां हैं उनके महत्व पर चर्चा की गई. उसका मुख्य विषय ही रखा गया था 'आज का समय और हमारी लोक भाषाओं का महत्व' जिसके अंतर्गत बहुत सी बातचीत हुई. भाषाओं के महत्व के अंतर्गत जो हमारी भोजपुरी भाषा है अत्यंत ही मूल्यवान और महत्वपूर्ण है.
-श्रीप्रकाश शुक्ल, समन्वयक भोजपुरी अध्ययन केंद्र