वाराणसी : दीवाली के पर्व की शुरूआत हो चुकी है. इस पांच दिनों के दीपो उत्सव की शुरूआत धनतेरस से होती है. 22 अक्टूबर को धनतेरस हैं. पंचांग के अनुसार, 22 अक्टूबर को त्रयोदशी तिथि दिन में 4:33 के बाद शुरू होगी. जब त्रयोदशी शुरू होगी तब प्रदोष काल भी आरंभ होगा. कहा जाता है कि शनि यमराज के भाई हैं. इसलिए प्रदोष काल में शनि प्रदोष व्रत के साथ त्रयोदशी दोनों का संयोग एक साथ पड़ने की वजह से इस बार अद्भुत संयोग देखने को मिल रहा है. ज्योतिषाचार्य और संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के ज्योतिष आचार्य दैवज्ञ कृष्ण शास्त्री का कहना है कि इस बार धनतेरस के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, यई जय योग, त्रिपुष्कर योग भी मिल रहे हैं. यानी सभी के लिए यह धनतेरस काफी शुभ रहने वाला है. 1:30 दिन में 4:33 तक त्रिपुष्कर योग रहेगा. ऐसा योग 66 वर्ष बाद बन रहा है. त्रयोदशी तिथि 23 अक्टूबर की शाम 5:26 बजे तक रहेगी.
अब यह जानना जरूरी है कि दीपदान कब करें ?
प्रदोषकाल का समय 4:35 से 5:26 बजे तक है. इस समय मीन लग्न में दीपदान करने से मन स्थिर और क्लेष दूर होंगे. वहीं, मेष लग्न में शाम 5:26 बजे से 7:03 बजे तक दीपदान करने से आय में बढ़ोतरी होगी. कुल मिलाकर आप शाम 4:35 से 7:03 बजे तक दीपदान कर सकते हैं.
अब आपको बता दें कि इस धनतेरस पर आपके सितारे क्या कहते हैं ? राशि के हिसाब से इस दिन क्या खरीदें, जिससे धन के देवता कुबेर और माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहे.
मेष राशि : मेष राशि वाले जातकों कोसोने-चांदी के आभूषण खरीदने चाहिए, इसके साथ ही आपके लिए प्रोपर्टी में निवेश करना भी आपके लिए शुभ रहेगा.
वृषभ राशि : धनतेरस के मौके पर इस राशि के जातक चांदी या हीरे का आभूषण ले सकते हैं, वाहन खरीदने का मन बना रहे हैं तो धनतेरस का दिन आपके लिए बहुत ही शुभ रहेगा.
मिथुन राशि :इस राशि के जातक यदि लाभ पाना चाहते हैं तो सोने-चांदी की वस्तु अथवा इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स की खरीदारी करें.
कर्क राशि :आप इस धनतेरस पर चांदी के गहनों की खरीदारी कर सकते हैं, आपके लिए शेयर बाजार में निवेश करना भी लाभप्रद रहेगा.