वाराणसी: आस्था और विश्वास एक सिक्के के दो पहलू होते हैं. ईश्वर के प्रति आस्था इंसान में विश्वास बढ़ाती है, लेकिन इन दिनों वैश्विक महामारी कोरोना की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन के चलते लोग मंदिरों में नहीं जा पा रहे हैं. हालांकि 8 जून से मंदिरों के खोले जाने की बात तो कही जा रही है, लेकिन अभी भी मंदिर बंद होने की वजह से भक्त भगवान से दूर ही हैं.
धर्मनगरी काशी में कोतवाल बाबा काल भैरव के दरबार में बंद दरवाजे के बाहर श्रद्धालु जुटने लगे हैं. श्रद्धालु शादी का निमंत्रण के साथ ही दु:खों को एक कागज में लिखकर मंदिरों के बाहर ही रखकर जा रहे हैं. कहा जाता है कि काशी में आने वाला हर शख्स जब तक बाबा काल भैरव के दरबार में हाजिरी नहीं लगाता, उसकी काशी यात्रा पूरी नहीं होती. वहीं बिना काल भैरव की अनुमति के काशी में प्रवेश भी संभव नहीं है.