वाराणसी: आज महाशिवरात्रि का पर्व पूरे देश में धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. काशी में इस महापर्व का विशेष महत्व माना जाता है, क्योंकि यहां द्वादश ज्योतिर्लिंग में सर्वश्रेष्ठ मानी जाने वाली बाबा विश्वनाथ की ज्योतिर्लिंग विद्यमान है. यही वजह है कि आज अलसुबह से ही काशी विश्वनाथ के दर्शन करने के लिए भक्तों का भारी हुजूम वाराणसी में उमड़ा है. कई किलोमीटर लंबी लाइन में लगकर भक्त अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं और लंबे वक्त के बाद कोविड-19 पर आस्था पूरी तरह से भारी नजर आ रही है.
सुबह मंदिर खुलने के बाद से भीड़
महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर आज काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन करने के लिए भक्तों का रेला उमड़ा हुआ है. विश्वनाथ मंदिर में प्रशासनिक व्यवस्था पूरी तरह से आस्था के सामने कमजोर दिखाई दे रही है. लगभग 2 किलोमीटर लंबी लाइन में लगकर भक्त अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. सुबह 3:30 बजे मंदिर के कपाट भक्तों के लिए खुलने के बाद लगातार दर्शन पूजन का क्रम जारी है. भीड़ को देखते हुए इस बार बाबा विश्वनाथ के स्पर्श दर्शन पर रोक लगाई गई है. भक्तों को सिर्फ झांकी दर्शन का लाभ मिल रहा है. जिसके लिए वक्त दूर-दूर से वाराणसी पहुंचे हैं. देश के अलग-अलग हिस्सों से बड़ी संख्या में भक्तों की काशी में मौजूदगी यह बता रही है कि अब आस्था के आगे कोरोना हार चुका है.
मुख्य अर्चक ने बताया विश्वनाथ धाम में अनुष्ठान का प्लान
वहीं आज शिव सिद्धि का विशेष योग होने की वजह से भी बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ बढ़ती ही जा रही है. इस क्रम में ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए विश्वनाथ मंदिर के मुख्य अर्चक श्रीकांत मिश्र ने महाशिवरात्रि का महत्व बताते हुए विश्वनाथ मंदिर में आज होने वाली अलग-अलग आरतियों के महत्व को भी बताया. उन्होंने बताया कि आज बाबा विश्वनाथ के मंदिर परिसर मंडप सजेगा, बाबा का विवाह संपन्न होगा और देवा दी देव महादेव अपनी अर्धांगिनी गौरा संग भक्तों को दर्शन देंगे. जिसकी तैयारियां कई दिनों से चल रही है. उनका कहना है कि आज जिस तरह से भक्तों की भीड़ उमड़ी है. वह यह साफ कर रही है कि आस्था पर किसी का कोई जोर नहीं चल सकता. बस अब ईश्वर से यही प्रार्थना कर रहे हैं कि पूरे विश्व में कोविड-19 खत्म हो जाए और जिंदगी पूरी तरह से सामान्य हो जाए.