वाराणसी: प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा (up deputy cm dr dinesh sharma) शनिवार को वाराणसी पहुंचे थे. सुबह वाराणसी पहुंचते ही उन्होंने काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन किया और उसके बाद विद्यापीठ और संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपतियों के साथ बैठक की. इसके बाद उन्होंने शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों के साथ भी बैठक की. इन बैठकों के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए यूपी सरकार में शिक्षा के क्षेत्र में किए गए कार्यों का लेखा-जोखा भी रखा. इस दौरान उन्होंने चुनावी तैयारियों की बात करते हुए बीजेपी के पास मुख्यमंत्री का चेहरा पहले से ही होने की बात करते हुए दूसरे दलों पर भाई-भतीजावाद करने का आरोप लगाया. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि भारतीय जनता पार्टी विकास बात की राजनीति करती है और इसी के बल पर हम फिर से सरकार बनाएंगे.
दिनेश शर्मा ने कहा कि भाई-भतीजावाद, संप्रदायिकतावाद, जातिवाद हमारी पार्टी ने खत्म कर दिया है. हमारा एक ही मूल मंत्र है, सबका साथ-सबका विकास. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आज हर पार्टी ब्राह्मणों को जातिगत आधार पर देख रही है, लेकिन सच्चाई यह है कि ब्राह्मण लोगों को मार्ग दिखाने का एक मजबूत स्तंभ है और बीजेपी कभी भी किसी जाति विशेष पर फोकस नहीं करती. वह सभी को साथ लेकर चलने वाली पार्टी है. ब्राह्मणों को इतना अपमानित करने वाले लोग आज ब्राह्मणों की बात कर रहे हैं.
डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने नमामि गंगे के संयोजक मार्कण्डेय वर्मा के निधन पर शोक जताने के बाद परिजनों से मिलने भी पहुंचे. उन्होंने विपक्ष पर कहा की जमीन पर काम करना सीएम योगी और हमारी सरकार से सीखें. लगातार हार से सीख नहीं रहा है विपक्ष. फिरोजाबाद में बच्चों की मौत पर उन्होंने कहा कि मौत कहीं भी हो दु:खदाई है. बच्चों के लिए हम संवेदनशील हैं. अगर हालात खराब होंगे तो स्कूलों को बंद करने पर विचार करेंगे. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग की सामीक्षा करेंगे. नई शिक्षा नीति कैसे लागू हो इस पर चर्चा करेंगे. डिप्टी सीएम ने कहा कि संस्कृत भाषा के उन्नयन पर चर्चा जरूरी है और होगी. कल शिक्षक दिवस पर सभी 75 जिलों में 75 शिक्षकों को सम्मानित करेंगे. डिप्टी सीएम ने कहा कि मौसमी और संचारी रोगों पर सरकार ने ततपरता से काम किया है. कोरोना के आरक्षित बेड का इस्तेमाल कर रहे हैं. हमें भरोसा है कि हम इसे रोकने में सफल होंगे.
कहा कि यूपी सरकार ने प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को नया आयाम प्रदान किया है. प्रदेश की नई शिक्षण व्यवस्था अन्य राज्यों को अब राह दिखाने का काम कर रही है. पिछली सरकार से विरासत में मिली खस्ताहाल शिक्षा तंत्र में लाए गए बदलाव के बाद अब विद्यार्थियों के लिए तरक्की के नए दरवाजे खुल रहे हैं. उत्तर प्रदेश बदल रहा है. उन्होंने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में बदलाव के लिए चार मंत्र निर्धारित किए गए थे. इनमें तनावमुक्त विद्यार्थी गुणवत्ता परक शिक्षा न कल वहीं परीक्षा और सुखी मन शिक्षक शामिल किया गया था. इस आधार पर सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कार्य किया है.
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