वाराणसी: पं. दीन दयाल उपाध्याय चिकित्सालय में दंत चिकित्सा सेवा फिर से शुरू कर दी गयी है. नये संसाधनों के साथ शुरू की गयी इस सेवा का रोगी लाभ उठा सकते हैं. बीते दो वर्ष पहले पं. दीनदयाल चिकित्सालय के दंत विभाग सुविधाओं के आभाव में बंद हो गया था. विभाग प्रभारी डॉ. निहारिका मौर्या ने बताया कि ओपीडी में हर रोज औसतन 40 से 50 मरीज देखे जा रहे हैं. जरूरत के अनुसार उनकी सर्जरी भी की जा रही है. खराब दांत को निकालना, सफाई, फीलिंग आदि उपचार किये जा रहे हैं.
डॉ. निहारिका ने बताया कि दांत हमारे शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में से एक है. इसके प्रति बरती गयी लापरवाही न केवल हमारे स्वास्थ्य बल्कि व्यक्तित्व पर भी प्रभाव डालता है. शरीर के अंदर होने वाली कई बीमारियों का कारण खराब दांत और खराब मसूढ़े होते हैं. लिहाजा इनके प्रति सभी को संवेदनशील होना चाहिए.आम तौर पर दांत की बीमारियों की लोग अनदेखी करते हैं. चिकित्सक के पास तब जाते हैं जब उन्हें दांत या मसूढ़े में तेज दर्द होने लगता है. जबकि थोड़ी सी सावधानियों से हम दंत रोगों से बच सकते हैं.
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वाराणसी के इस सरकारी अस्पताल में फिर से शुरू हुई दंत चिकित्सा - Pt Deendayal Hospital of Varanasi
वाराणसी के पं. दीनदयाल चिकित्सालय में दो साल बाद दंत चिकित्सा फिर से शुरू हो गया है. इस बार यहां दंत चिकित्सा की सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध हैं.
डॉ. निहारिका ने कहा कि दांतों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए खाने के बाद उसे अच्छी तरह साफ करना जरूरी होता है. ऐसा न करने पर खाद्य पदार्थ दांतों में फंस जाता है और कुछ समय बाद उसमें सड़ांध शुरू हो जाती है. एक ही ब्रश कई महीनों तक इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. समय-समय पर ब्रश बदलते रहना चाहिए ताकि खराब ब्रश दांतों व मसूढ़ों को नुकसान न पहुंचा सकें. डॉ. निहारिका ने बताया कि पं. दीनदयाल उपाध्याय चिकित्सालय के कक्ष संख्या 313 में किसी भी कार्य दिवस में सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे तक दंत चिकित्सा सेवा निःशुल्क उपलब्ध है. दंत रोगी इसका लाभ उठा सकते हैं.
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