वाराणसी:डेंगू पर रोकथाम और नियन्त्रण के लिए जनता को जागरूक करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 'डेंगू जागरूकता दिवस' (dengue awareness day) का आयोजन किया जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को मच्छर से पनपने वाले रोग के साथ डेंगू के लक्षण, बचाव और उपचार के बारे में जागरूक करना है. इस वर्ष की थीम (dengue awareness day theme 2022) हैं- ‘डेंगू इज़ प्रिवेंटेबल, लेट्स जॉइन हैंड्स’ यानि कि डेंगू से बचा जा सकता है, आओ हाथ मिलाएं’ तय की गई है.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ने कहा कि तापमान, वर्षा और इस प्रकार की जलवायु परिस्थितियों के आधार पर वेक्टर बार्न डिजीज में वृद्धि की प्रवृत्ति होती है, जो मच्छरों के प्रजनन के लिए अनुकूल होते हैं. इससे डेंगू और चिकनगुनिया के मामलों में तेजी से वृद्धि होती है. हमारा प्रयास इस संचरण चक्र को तोड़ना है. इस साल की थीम का उद्देश्य है कि डेंगू की रोकथाम, नियंत्रण और जागरूकता के लिए अन्य विभागों एवं जनसामान्य से अपेक्षित सहयोग प्राप्त करना.
उन्होंने बताया कि पहले से ही डेंगू समेत अन्य वेक्टर जनित रोगों से बचाव एवं रोकथाम के लिए नगरीय और ग्रामीण स्तर पर नियमित लार्वीसाइड छिड़काव हो रहा है. एक हफ्ते से भी अधिक समय से भरे पानी के पात्रों को खाली किया जा रहा है. इस दौरान सीएमओ ने बताया कि डेंगू से रोकथाम और बचाव के लिए वृहद स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है. साथ ही, आशा-एएनएम क्षेत्र भ्रमण के दौरान घर-घर जाकर 'हर रविवार मच्छर पर वार, लार्वीसाइड पर प्रहार' स्लोगन के जरिए जनमानस को जागरूक किया जाएगा. सीएमओ ने जनपदवासियों से अपील की है कि 'जानकारी और जागरूकता ही डेंगू से बचाव है' के सूत्र वाक्य को मानते हुए 'क्या करें, क्या न करें' के अनुसार कार्य करें.
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ऐसे फैलता है डेंगू:जिला मलेरिया अधिकारी शरद चंद पांडे ने बताया कि डेंगू बुखार एक गंभीर, फ्लू जैसी बीमारी है, जो शिशुओं, छोटे बच्चों और वयस्कों को प्रभावित करती है. इसमें एडीज इजिप्टी मच्छर दिन के समय काटता है. संक्रमण मच्छर के काटने के बाद व्यक्ति में 3 से 14 दिनों के भीतर लक्षण विकसित होते है. रोगी जो कि पहले से ही डेंगू वायरस से संक्रमित हैं, लक्षणों की शुरुआत के चार से पांच दिनों के दौरान एडीज मच्छरों के माध्यम से दूसरे व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है. डेंगू की रोकथाम और नियंत्रण प्रभावी वेक्टर नियंत्रण उपायों पर निर्भर करता है. उन्होंने बताया कि डेंगू के लिए अभी तक कोई विशिष्ट एंटीवायरल दवाएं नहीं हैं. रोगी के लिए अधिक से अधिक मात्रा में तरल पदार्थों पीना और पर्याप्त आराम करना महत्वपूर्ण है.
लक्षण दिखें तो डॉक्टर के पास जाएं:डीएमओ ने बताया कि तेज बुखार, गंभीर सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, मतली, उल्टी, सूजी हुई ग्रंथियां या दाने ये सब डेंगू के लक्षण हैं. यह लक्षण आमतौर पर 2 से 7 दिनों तक रहते हैं. गंभीर डेंगू एक संभावित घातक जटिलता है, जो प्लाज्मा के रिसाव, पानी की कमी, श्वसन संकट, गंभीर रक्तस्राव और अंग हानि के कारण होता है. इसके अलावा गंभीर पेट दर्द, लगातार उल्टी, तेजी से सांस लेना, मसूड़ों से खून आना, थकान, बेचैनी और खून उलटी करना इसके लक्षण है. यदि रोगी का समय से इलाज न किया गया तो यह और भी घातक हो सकती है.
रोकथाम और नियंत्रण
• साप्ताहिक आधार पर घरेलू जल भंडारण कंटेनरों को ढंकना, खाली करना और साफ करना.
• घर की छत पर रखे गमलों या किसी अन्य बर्तनों, नारियल के खोल, टायरों में पानी जमा न होने देना.
• पानी के भंडारण कंटेनरों को ढक्कन के साथ कवर किया जाना.
• बरसात के मौसम के दौरान, सभी व्यक्ति ऐसे कपड़े पहन सकते हैं जो हाथ और पैर को कवर करते हों.
• सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल किया जा सकता है.
• मच्छरों के काटने से बचाव के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा उपाय, जैसे- कीटनाशक से उपचारित बेडनेट, कॉइल और वेपोराइज़र का उपयोग किया जा सकता है.
• मच्छरों के काटने से रोकने के लिए दिन के समय में मच्छर दूर भगाने के लिए क्रीम का उपयोग किया जा सकता है.
• निरंतर वेक्टर नियंत्रण के लिए सामुदायिक भागीदारी और गतिशीलता में सुधार लाना.
एक नजर जनपद के आंकड़ों पर
• वर्ष 2017 में –606
• वर्ष 2018 में –327
• वर्ष 2019 में –550
• वर्ष 2020 में - 4
• वर्ष 2021 में –286
• वर्ष 2022 में अबतक – शून्य
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