वाराणसी : कैंट रेलवे परिसर में मरम्मत के दौरान उर्दू भाषा में लिखे वाराणसी स्टेशन का बोर्ड हटा दिया गया. इस बारे में अपर रेल प्रबंधक से सांझा संयुक्त मंच के तत्वाधान में लोगों ने मुलाकात की. लोगों ने कहा कि इस हरकत से भारतीय संस्कृति पर आघात पहुंचा है. अपर रेल प्रबंधक ने बोर्ड लगाने के लिए 15 दिनों का समय प्रतिनिधिमंडल से मांगा.
मरम्मत के दौरान हटा था बोर्ड
वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन परिसर में हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू में वाराणसी लिखा रहता है. परिसर में मरम्मत कार्य के दौरान तीनों बोर्ड हटा दिए गए थे. बाद में केवल हिंदी और अंग्रेजी भाषा में लिखे बोर्ड ही लगाए गए. उर्दू भाषा में लिखा गया बोर्ड नहीं लगाने के विरोध में यूनाइटेड अगेंस्ट हेट, बुनकर सांझा मंच, इंसाफ मंच और भाकपा माले के संयुक्त तत्वावधान में अपर रेल प्रबंधक वाराणसी से मुलाकात की गई.
15 दिनों का मांगा समय
भाकपा माले के मनीष शर्मा ने बताया कि उर्दू उत्तर प्रदेश की मान्यता प्राप्त भाषा है. इस भाषा में लिखे बोर्ड को हटाना गैरसंवैधानिक और गैरकानूनी भी है. फिर भी पिछले डेढ़ साल से कैंट स्टेशन पर उर्दू भाषा में लिखा बोर्ड नहीं लगाया जा रहा है. मनीष शर्मा ने कहा कि अपर रेल प्रबंधक की तरफ से आश्वासन मिला है कि रेल परिसर में मरम्मत के दौरान हटाए गए बोर्ड को 15 दिनों के भीतर लगा दिया जाएगा.